ब्रिटेन में बुधवार को शिक्षक, विश्वविद्यालय के व्याख्याता, ट्रेन और बस चालक तथा सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारी वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए। देश में लगभग एक दशक में इस तरह की स्थिति पहली बार उत्पन्न हुई है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के आधिकारिक प्रवक्ता ने स्वीकार किया कि इस सामूहिक हड़ताल से जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
इंग्लैंड और वेल्स में शिक्षकों ने कक्षाओं का बहिष्कार किया है, जिससे 23,000 स्कूल प्रभावित हुए हैं। इन क्षेत्रों में लगभग 85 प्रतिशत स्कूलों के पूरी तरह या आंशिक रूप से बंद रहने का अनुमान जताया गया है। शिक्षा मंत्री गिलियन कीगन ने कहा, ‘‘मैं इस बात से निराश हूं कि कर्मचारी संघों ने इस तरह का निर्णय लिया है। यह कोई अंतिम उपाय नहीं है। हम अभी भी चर्चा कर रहे हैं।’’
शिक्षकों के अलावा ट्रेन और बस चालक तथा सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य कर्मचारी भी हड़ताल पर हैं। देश के 124 सरकारी विभागों के लगभग एक लाख कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य कर्मियों के भी अगले सप्ताह हड़ताल पर जाने की योजना है, जब नर्सें और एंबुलेंस कर्मी छह फरवरी से एक और दौर की हड़ताल करेंगे।