ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने कहा कि भारत-ब्रिटेन माइग्रेशन एंड मोबिलिटी साझेदारी (एमएमपी) के तहत आव्रजन और प्रत्यर्पण सहित सभी मुद्दे आएंगे और इससे दोनों देशों के पेशेवर लोगों और छात्रों को लाभ होगा।
किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख विजय माल्या और भगोड़ा हीरा व्यापाी नीरव मोदी सहित भारत के चर्चित प्रत्यर्पण मामलों के संदर्भ में भारतीय मूल की कैबिनेट मंत्री ने यह स्वीकार किया कि अतीत में कुछ ‘निराशा’ रही है। लेकिन साथ ही उन्होंने इसपर जोर दिया कि ब्रिटेन के गृह मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण समन्वय बेहतर हो गया है और ‘‘मूल रूप से उसमें ना सिर्फ बदलाव हुआ है बल्कि वह बेहतर हुआ है।’’
सोमवार को एक साक्षात्कार में पटेल ने बताया, ‘‘मुझे पूरे मामले की जानकारी है और आर्थिक अपराधियों के सिलसिले में यह मुश्किल मामला है, और गृह मंत्री बनने से पहले भी मैंने इन मामलों में दिलचस्पी ली है और भारत सरकार को उससे अवगत भी कराया है।’’उन्होंने कहा, ‘‘गृहमंत्री के रूप में मेरे कार्यकाल में इस संबंध में मौलिक बदलाव आए हैं, यह बेहतर हुआ है। मुझे नहीं लगता है कि किसी को भी इसे खोना चाहिए। प्रत्यर्पण के क्षेत्र में ब्रिटेन और भारत के बीच मजबूत और रचनात्मक संबंध है और यह बेहतर हुआ है। इसके कारण पिछले कुछ वर्षों में कई सफल प्रत्यर्पण भी हुए हैं।’’
पटेल ने कहा कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ पिछले सप्ताह हुई मुलाकात में दोनों मंत्रियों ने एमएमपी पर हस्ताक्षर किया। पटेल ने कहा कि उन्होंने जयशंकर को आश्वासन दिया है कि ब्रिटेन की सरकार कानून के दायरे में रहते हुए यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि गंभीर अपराध करने वालों को औपचारिक प्रक्रिया के तहत न्याय की जद में लाने के लिए भारत भेजा जाए।