कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अगले सप्ताह भारत यात्रा पर नहीं आयेंगे। विदेश मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी । विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यह फैसला दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से किया है। उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 की वर्तमान स्थिति को देखते हुए आपसी सहमति से यह निर्णय किया गया है कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री अगले सप्ताह भारत यात्रा पर नहीं आयेंगे।’’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि दोनों पक्ष आने वाले दिनों में डिजिटल बैठक आयोजित करेंगे, जिसमें भारत-ब्रिटेन संबंधों के लिये योजनाएं पेश की जायेंगी। लंदन में डाउनिंग स्ट्रीट ने भी सोमवार को जानकारी दी कि जॉनसन का दौरा रद्द कर दिया गया है। हालांकि, जॉनसन भविष्य की ब्रिटेन-भारत साझेदारी के लिए अपनी योजनाओं की शुरुआत के लिहाज से इस महीने के आखिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करेंगे। उनकी आमने-सामने मुलाकात इस साल के आखिर में होने की संभावना है।
बता दें कि इससे पहले ब्रिटेन के विपक्षी दल लेबर पार्टी ने भी रविवार को मांग की कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को भारत में पाए गए कोरोना वायरस के ‘दोहरे उत्परिवर्तन’ वाले स्वरूप के चलते नयी दिल्ली की अपनी यात्रा रद्द कर देनी चाहिए।जॉनसन की भारत यात्रा अगले रविवार से शुरू होनी है। ब्रिटेन में विभिन्न तबकों की ओर से यह मांग की जा रही है कि कोरोना वायरस के भारत में पाए गए स्वरूप के चलते जॉनसन को नयी दिल्ली की यात्रा करने से बचना चाहिए।
पब्लिक हेल्थ इंग्लैण्ड (पीएचई) ने कहा है कि ब्रिटेन में पिछले महीने से कोरोना वायरस के तथाकथित ‘‘डबल म्यूटैंट’’ (दोहरे उत्परिवर्तन वाले) भारतीय स्वरूप से जुड़े 77 मामले सामने आए हैं। वायरस के इस स्वरूप को ‘वैरियंट अंडर इन्वेस्टिगेशन’ (वीयूआई) श्रेणी में रखा गया है। लेबर पार्टी के नेता स्टीव रीड ने कहा, ‘‘मेरी समझ में नहीं आता कि प्रधानमंत्री भारत सरकार के साथ जूम के माध्यम से बातचीत क्यों नहीं कर सकते।’’
उन्होंने स्काई न्यूज से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को, सार्वजनिक जीवन में हम सबकी तरह, एक उदाहरण स्थापित करने की जरूरत है।’’ ब्रिटेन के पर्यावरण मंत्री जॉर्ज ईयूस्टिस ने हालांकि कहा कि इस बात का कोई साक्ष्य नहीं है कि वायरस का भारतीय स्वरूप टीका प्रतिरक्षण से बच सकता है या यह अधिक घातक है। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि इसे (वायरस के तथाकथित भारतीय स्वरूप) को हम देख रहे हैं और इसका अध्ययन किया जाएगा।’’