सरकार ने यूरोपीय संसद में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरुद्ध प्रस्ताव पर आज मतदान नहीं होने पर संतोष व्यक्त करते हुए आज कहा कि भारत यूरोपीय संघ के सभी पक्षकारों के साथ संवाद कायम रखेगी और उन्हें समझाने का प्रयास जारी रखेगी कि यह कानून भारत का आंतरिक मामला है और इसे पूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया से लाया गया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यहां नियमित ब्रीफिंग में कहा कि नया नागरिकता कानून भारत का आंतरिक मामला है। फिर भी हम यूरोपीय संसद के सदस्यों, यूरोपीय संघ के सभी पक्षकारों के साथ लगातार संपर्क बनाये रखेंगे और उन्हें समझाने का प्रयास करते रहेंगे कि नागरिकता संशोधन कानून पूरी प्रक्रिया एवं लोकतांत्रिक ढंग से लाया गया है।
यूरोपीय संसद में नागरिकता संशोधन कानून के विरुद्ध प्रस्ताव पर मतदान का टलना मोदी सरकार की एक बड़ कूटनीतिक कामयाबी मानी जा रही है। सरकार के सूत्रों के अनुसार यूरोप की संसद में भारत के मित्र पाकिस्तान के मित्रों पर भारी पड़। ब्रेग्त्रटि के पहले यूरोपीय संसद में ब्रिटिश सदस्य शफाक मोहम्मद ने इस प्रस्ताव को पारित कराने के जीतोड़ प्रयास किये लेकिन नाकाम रहे।
श्री कुमार ने कहा कि हमने गुरुवार को यूरोपीय संसद के नागरिकता संशोधन कानून को लेकर प्रस्ताव पर मतदान नहीं कराने के फैसले को देखा है। हमने यूरोपीय आयोग के उस विचार को भी सुना है कि यूरोपीय संसद के विचार यूरोपीय संघ के आधिकारिक रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।