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ओमीक्रॉन की चपेट में आ सकते हैं कोरोना से संक्रमित रह चुके बच्चे? जानें स्टडी में क्या हुआ दावा

एक नए अध्ययन के अनुसार जो बच्चे पहले कोविड-19 से संक्रमित थे, वे कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप से सुरक्षित नहीं हैं।

एक नए अध्ययन के अनुसार जो बच्चे पहले कोविड-19 से संक्रमित थे, वे कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप से सुरक्षित नहीं हैं। हालांकि अध्ययन में कहा गया है कि टीकाकरण से सुरक्षा मिलती है। हाल ही में नेचर कम्युनिकेशंस नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के निष्कर्ष वयस्कों में मिले तथ्यों के समान ही हैं।
संक्रमित रह चुके बच्चे नहीं हैं सुरक्षित 
शोध पत्र के वरिष्ठ लेखक और बोस्टन चिल्ड्रन अस्पताल, अमेरिका से संबद्ध एड्रिएन रैंडोल्फ ने कहा मैंने माता-पिता को यह कहते हुए सुना, ‘ओह, मेरे बच्चे को पिछले साल कोविड था। रैंडोल्फ ने कहा लेकिन हमने पाया कि बच्चों में पूर्व संक्रमणों से पैदा हुए उत्पादित रोग प्रतिरोधक क्षमता (एंडीबॉडी) ओमीक्रोन को बेअसर नहीं करती है, इसका अर्थ है कि बिना टीकाकरण वाले बच्चे वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के मामले में अतिसंवेदनशील हैं।
नमूने एकत्र करके लगाया गया पता 
अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन के सुरेंद्र खुराना सहित अन्य शोधकर्ताओं ने कोविड-19 के गंभीर संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती हुए 62 बच्चों और किशोरों के रक्त के नमूने प्राप्त किए। उन्होंने ‘एमआईएस-सी’ के कारण अस्पताल में भर्ती हुए 65 बच्चों और किशोरों और हल्के कोविड​​​​-19 से पीड़ित और संक्रमण मुक्त हो चुके 50 रोगियों की जानकारी भी एकत्र की।
सभी नमूने 2020 और 2021 की शुरुआत में, ओमीक्रोन स्वरूप के शुरू होने से पहले एकत्र किए गए थे। प्रयोगशाला में, शोधकर्ताओं ने नमूनों को एक ‘स्यूडोवायरस’ से मिलाया और यह पता लगाया कि नमूनों में रोग प्रतिरोधक क्षमता किस हद तक सार्स-कोव-दो के पांच स्वरूपों- अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और ओमीक्रोन को बेअसर करने में सक्षम है।
सभी वेरिएंट का होगा असर लेकिन… 
शोधकर्ताओं ने कहा कि कुल मिलाकर, बच्चों और किशोरों ने सभी पांच प्रकार के स्वरूपों के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता का कुछ नुकसान दिखाया, लेकिन ओमीक्रोन को लेकर नुकसान सबसे अधिक स्पष्ट था। शोधकर्ता रैंडोल्फ के मुताबिक बिना टीकाकरण वाले बच्चे अतिसंवेदनशील हैं।
इसके विपरीत, जिन बच्चों को कोविड-19 टीके की दो खुराकें मिली थीं, उनमें ओमीक्रोन सहित सभी पांच स्वरूपों के खिलाफ उच्च प्रतिरोधक क्षमता दिखाई दी। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि ये निष्कर्ष माता-पिता को अपने बच्चों और किशोरों को टीका लगाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

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