प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यह कहने के बाद कि भारतीय जमीन पर कोई विदेशी घुसपैठ नहीं है, चीन ने एक बार फिर केंद्र शासित लद्दाख के गलवान घाटी पर अपना दावा किया है तथा आरोप लगाया कि 15 जून को भारत के अग्रिम सैन्य बलों ने जानबूझ कर वास्तविक नियंत्रण रेखा पार करके चीनी सैनिकों पर हमला किया था जिसके बाद हुए घमासान संघर्ष में अनेक हताहत हुए। गौरतलब है कि सोमवार रात गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिजियान झाओ ने ट्विटर पर घाटी की घटना को लेकर आठ बिन्दुओं में चीनी दृष्टिकोण को रखा है। इसके माध्यम से चीन ने यह संकेत दिया है कि वह घाटी में पीछे नहीं हटेगा और आगे भी सैन्य संघर्ष के लिए तैयार है। लीजियान ने कहा है कि गलवान घाटी भारत- चीन सीमा के पश्चिमी हिस्से में एलएसी पर चीन की ओर है। उन्होंने कहा, “कई सालों से चीन सीमा के सैनिक क्षेत्र में गश्त करते रहे हैं और ड्यूटी पर रहे हैं।”8. India’s front-line troops even violently attacked the Chinese officers and soldiers who went there for negotiation, thus triggering fierce physical conflicts and causing casualties. This is the step-by-step account of the Galwan clash.
— Lijian Zhao 赵立坚 (@zlj517) June 20, 2020
झाओ ने आरोप लगाया कि इस साल अप्रैल से एकतरफा कदम उठाते हुए गलवान घाटी में एलएसी पर भारतीय सैनिकों ने लगातार सड़कें, पुल और अन्य सुविधाओं का निर्माण किया है। झाओ ने कहा कि चीन ने कई बार भारत से शिकायत की लेकिन भारत ने और उकसाने वाला कदम उठाते हुए एलएसी को पार कर डाला।
उन्होंने कहा कि एलएससी पार कर चीन क्षेत्र में आ गए भारतीय सैनिकों ने 6 मई की सुबह तक किलेबंदी कर दी और बैरिकेड लगा दिए जिससे सीमा पर तैनात चीनी सैनिकों के गश्त में व्यवधान पड़ा। उन्होंने आगे कहा कि भारत ने जानबूझकर उकसाने वाला कदम उठाया जिसने चीन के सैनिकों को परिस्थिति से निपटने के लिए कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।
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झाओ ने कहा कि शांति बहाल करने के लिए चीन और भारत ने सैन्य और कूटनीतिक चैनलों के जरिए बात की। उन्होंने कहा, “चीन की मजबूत मांगों के प्रतिक्रियास्वरूप भारत एलएसी पार करने वाले अपने सैनिकों को वापस बुलाने और बनाई गई सुविधाओं को ध्वस्त करने के लिए तैयार हो गया और उन्होंने ऐसा ही किया।” झाओ ने कहा कि 6 जून को कमांडर लेवल की मीटिंग में सहमति बनी कि दोनों पक्ष जमीन पर मौजूद कमांडरों की बैठक के बीच चरणबद्ध तरीके से अपनी सेनाएं हटाएंगे।
उन्होंने कहा कि 15 जून की रात को कमांडर स्तर की बैठक में हुए समझौते का उल्लंघन करते हुए भारतीय सैनिकों ने उकसावे वाली कार्रवाई को करते हुए एक बार फिर एलएसी पार किया और वार्ता करने के लिए उनके पास गए चीनी सैनिकों और अधिकारियों पर हिंसक हमला किया, जिससे सैनिक हताहत हुए।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के इस कदम ने सीमा विवाद पर दोनों पक्षों के बीच हए समझौते और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन किया है। झाओ ने कहा कि चीन आशा करता है कि भारत चीन के साथ काम करेगा और दोनों सरकारों के बीच हुए समझौतों का पालन करेगा।