बीजिंग : पठानकोट हमले के मास्टर माइंड मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने की कोशिशों पर चीन ने एक बार फिर अड़ंगा लगा दिया है। यूनाइटेड नेशंस सिक्युरिटी काउंसिल के परमानेंट मेंबर चीन ने कहा, ”इस मसले पर सभी की सहमति नहीं है। काउंसिल के दूसरे मेंबर्स अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने मसूद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने का प्रपोजल रखा था। इससे पहले चीन फॉरेन मिनिस्ट्री की स्पोक्सपर्सन हुआ चुनयिंग ने कहा था, ”हमने टेक्निकल होल्ड इसलिए लगाया ताकि इस मसले पर कमेटी और इसके मेंबर्स को और वक्त मिल सकते। लेकिन, अभी भी इस मुद्दे पर सभी की सहमति नहीं दिखाई दे रही है।”
समाचार एजेंसी पीटीआई ने चीनी विदेश मंत्रालय में मौजूद सूत्रों के हवाले से बताया, ‘चीन ने इस कदम को खारिज कर दिया, क्योंकि आमराय नहीं है।’ चीन की इस टिप्पणी में संकेत मिलता है कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में अर्जी को वीटो करेगा, ताकि यह निष्प्रभावी हो जाए। यह लगातार दूसरा साल है जब चीन ने प्रस्ताव को बाधित किया है। पिछले साल चीन ने इसी कमेटी के समक्ष भारत की अर्जी रोकने के लिए यही काम किया था।
इससे पहले, चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुया चुनयिंग ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा था, ‘हमने एक तकनीकी रोक लगाई ताकि कमेटी को और ज्यादा वक्त मिल सके और इसके सदस्य इस विषय पर चर्चा कर सकें। लेकिन इस मुद्दे पर अब तक आमराय नहीं बनी है।’
चीन की तरफ से लगातार लगाई जा रही तकनीकी रोक का बचाव करते हुए हुआ ने कहा, ‘हम कमेटी के आदेश और इसकी नियमावली का पालन करना जारी रखेंगे तथा कमेटी के सदस्यों के साथ लगातार संचार एवं समन्वय रखेंगे।’
चीन ने अजहर को एक वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने की भारत की कोशिशों में पिछले दो साल से अड़ंगा डालता रहा है। पिछले साल मार्च में चीन 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में एक मात्र ऐसा देश था, जिसने भारत की अर्जी को बाधित किया था। वहीं, परिषद के 14 सदस्य देशों ने अजहर को प्रतिबंधित करने के भारत के कदम का समर्थन किया था।