पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने की भारत की कोशिश को एक और झटका लगा है। दरअसल, चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उसे वैश्विक आतंकी घोषित करने वाले प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगा दी।
बीते 10 साल में संयुक्त राष्ट्र में अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने का यह चौथा प्रस्ताव था।
नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा, ‘‘ हम निराश हैं। लेकिन हम सभी उपलब्ध विकल्पों पर काम करते रहेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारतीय नागरिकों पर हुए हमलों में शामिल आतंकवादियों को न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाए।’’
एयरस्ट्राइक का सबूत मांगने वालों को करारा जवाब, बालाकोट में 200 से ज्यादा मारे गए आतंकी ! VIDEO वायरल में दावा
मंत्रालय ने कहा, ‘‘हम उन देशों के आभारी हैं जिन्होंने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने की कवायद में हमारा समर्थन किया है।’’
इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा सेंक्शन्स कमेटी के तहत अजहर को आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव 27 फरवरी को फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने लाया था।
इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा सेंक्शन्स कमेटी के तहत अजहर को आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव 27 फरवरी को फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने लाया था।
इससे पहले चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने बीजिंग में मीडिया से कहा, ‘‘मैं यह कहना चाहता हूं कि मामले में संबंधित निकायों के नियमों और प्रक्रियाओं का पालन किया जाना चाहिए। केवल उसी तरीके से इस मुद्दे का हल करना उचित होगा जो सभी पक्षों को स्वीकार्य होगा।’’
श्री कांग के इस बयान से कुछ घंटे पहले अमेरिका ने चीन पर यह कहते हुये दबाव बनाने की कोशिश की थी कि मसूद अजहर को एक वैश्चिक आतंकवादी के रूप में नामित करने में विफलता हमें लक्ष्य से पीछे ले जाएगी।
गौरतलब है कि 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में जैश के फिदायीन ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला कर दिया था जिसमें 44 जवानों की मौत हो गई थी। इस हमले की वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पैदा हो गया था।
अल कायदा सेंक्शन्स कमेटी के सदस्यों के पास प्रस्ताव पर आपत्ति जताने के लिए 10 दिनों का वक्त था। अनापत्ति की अविध बुधवार को (न्यूयॉर्क के) स्थानीय समय दोपहर तीन बजे (भारतीय समयनुसार बृहस्पतिवार रात साढ़े 12 बजे) खत्म होनी थी।
उल्लेखनीय है कि चीन ने ही पहले के तीन प्रस्तावों पर भारत की कोशिश में अड़ंगा डाला था।