चीन ने गुरुवार को इशारा करते हुए कहा कि वह मालदीव में उत्पन्न राजनीतिक संकट में संयुक्त राष्ट्र के किसी भी हस्तक्षेप का विरोध करेगा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, मालदीव में उत्पन्न राजनीतिक हालात पर चर्चा करेगी।
लेकिन विदेशी हस्तक्षेप पर अपना सुर थोड़ा नरम करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय राजनीतिक संकट के समाधान में मालदीव के दलों के लिए ‘‘समर्थन और सुविधा’’ मुहैया करा सकता है मालदीव की स्थिति पर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 9 फरवरी से होने वाली बैठक से पहले चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने यहां मीडिया से कहा कि चीन संकट के हल के लिए मालदीव के प्रमुख राजनीतिक दलों की मदद करने का समर्थन करता है।
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने स्थिति के हल के लिए सर्वदलीय वार्ता की व्यवस्था करने की पेशकश की थी जिसके बाद बैठक बुलायी गयी। यह पूछे जाने पर कि क्या चीन मालदीव में संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप के खिलाफ है।
गेंग ने कहा कि मैंने अपना रुख साफ कर दिया. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मालदीव की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए और संबंधित दलों के बीच वार्ता को लेकर मदद मुहैया कर इस संबंध में एक सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए।
चीन ने पहले किसी भी अंतरराष्ट्रीय भूमिका का विरोध करते हुए कहा था कि संकट को संबंधित दलों द्वारा आपस में सुलझाना चाहिए. यह साफ नहीं है क्या चीन यामीन और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद और ममून अब्दुल गयूम के बीच वार्ता आयोजित करने के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाना चाहता है या नहीं।
उन्होंने कहा, ”मालदीव के साथ राजनीतिक सहयोग में चीन का कोई राजनीतिक तार नहीं जुड़ा हुआ है। चीन, मालदीव की स्वतंत्रता को कभी खतरे में नहीं डालेगा। मालदीव में चीन का दोस्ताना सहयोग देश के सभी लोगों के लिए है और इससे दोनों देशों के हितों को फायदा होगा।
चीन के लिए रणनीतिक लिहाज से मालदीव काफी महत्वपूर्ण है। पिछले वर्ष यामीन सरकार ने चीन के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किया था और चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एवं रोड परियोजना को भी समर्थन किया था।
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