लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास से भारतीय और चीनी सैनिक दो किलोमीटर पीछे हट गए हैं। यहां पिछले महीने भारतीय-चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे, जबकि अज्ञात संख्या में चीनी सैनिक भी मारे गए थे। इस मुद्दे पर चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने के लिए कुछ कदम उठाए गए हैं इसी के मद्देनजर सैनिकों को वापस हटाने की प्रक्रिया शुरू हुई है।
China and India have made progress coming up with effective measures for frontline troops to disengage and deescalate the border situation at the third commander-level talks between the two militaries on June 30, said FM spokesperson Zhao Lijian. https://t.co/zQehtHIUok pic.twitter.com/wFys0FLgyB
— Global Times (@globaltimesnews) July 6, 2020
वहीं, चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स की ओर से भी बॉर्डर पर तनाव कम होने की बात की गई है। इस खबर के अनुसार भारत और चीन की सेनाओं ने फ्रंट बॉर्डर से बैच के आधार पर सैनिक कम करने का निर्णय लिया है। इसमें दोनों देशों के बीच 30 जून को जो बैठक हुई थी, उसके बाद ये फैसला लिया गया है।
बता दें कि क्षेत्र में सैनिकों के पीछे हटने का यह पहला संकेत है। सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों के कोर कमांडरों के बीच हुए समझौते के तहत चीनी सैनिकों ने पीछे हटना शुरू किया है। उन्होंने कहा कि चीनी सेना गश्त बिंदु 14 पर लगाए गए तंबू एवं अन्य ढांचे हटाते हुए देखी गई है। सूत्रों ने कहा कि गोगरा हॉट स्प्रिंग इलाके में भी चीनी सैनिकों के वाहनों की इसी तरह की गतिविधि देखी गई है।
भारतीय और चीनी सेना के बीच पिछले सात हफ्तों से पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में गतिरोध जारी है। गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव कई गुणा बढ़ गया था जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन के सैनिक भी इस झड़प में हताहत हुए थे लेकिन उसने अब तक इसके ब्योरे उपलब्ध नहीं कराए हैं। भारत क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए पूर्वी लद्दाख के सभी इलाकों में पूर्व यथास्थिति बहाल करने पर जोर देता आया है।
क्षेत्र में तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन के बीच कई चरणों की कूटनीतिक एवं सैन्य वार्ताएं हुई हैं। हालांकि, दोनों पक्षों के क्षेत्र से बलों को पीछे हटाने की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमत होने के बावजूद गतिरोध समाप्त होने के कोई संकेत नजर नहीं आ रहे थे।