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क्वाड शिखर सम्मेलन से बौखलाया चीन, बोला- ‘गुटबाजी’ काम नहीं आएगी

चीन ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की मेजबानी में आयोजित होने वाले आगामी क्वाड शिखर सम्मेलन को लेकर निशाना साधते हुए कहा है कि दूसरे देशों को निशाना बनाने के लिए ‘गुटबाजी’ काम नहीं आएगी और इसका कोई भविष्य नहीं है।

दुनिया में कोरोना वायरस महामारी का आतंक डेढ़ साल बाद भी जारी है। ऐसे में करोड़ों लोग इस महामारी के प्रकोप से जूझ रहे है। तो वहीं, दूसरी तरफ, इस वायरस की शुरूआत से ही ऐसा कहा जा रहा है कि इसके पीछे चीन का हाथ है। खैर इन सबसे परे चीन ने दुनिया को कई बार बताया कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति का कारण चीन नहीं है। 
उधर, चीन इस महामारी के दौर के में भी अपनी विस्तारवादी वाली विचारधारा से पीछा नहीं छुड़ा पा रहा है और विश्व में अपनी धमक खोने से डरता रहा है। इसी बीच, चीन ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की मेजबानी में आयोजित होने वाले आगामी क्वाड शिखर सम्मेलन को लेकर निशाना साधते हुए कहा है कि दूसरे देशों को निशाना बनाने के लिए ‘गुटबाजी’ काम नहीं आएगी और इसका कोई भविष्य नहीं है।

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राष्ट्रपति बाइडन वाशिंगटन में 24 सितंबर को प्रत्यक्ष तरीके से आयोजित पहले क्वाड शिखर सम्मेलन का आयोजन करेंगे, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, जापान के निवर्तमान प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा हिस्सा लेंगे। क्वाड के आगामी शिखर सम्मेलन को लेकर टिप्पणी के लिए पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देशों के बीच सहयोग के जरिए तीसरे पक्ष को निशाना नहीं बनाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘चीन का मानना है कि किसी भी क्षेत्रीय सहयोग ढांचे को समय की प्रवृत्ति के साथ होना चाहिए और क्षेत्र के देशों के बीच आपसी विश्वास तथा सहयोग के अनुकूल होना चाहिए। इसके जरिए किसी तीसरे पक्ष को निशाना नहीं बनाना चाहिए या उनके हितों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।’’
लिजियान ने कहा कि दूसरे देशों को निशाना बनाने के लिए ‘गुटबाजी’ नहीं होनी चाहिए और ये तरीके काम नहीं करेंगे तथा इनका कोई भविष्य नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात का उल्लेख करना चाहता हूं कि चीन न केवल एशिया प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक विकास का इंजन है, बल्कि यह शांति की रक्षा करने वाली मुख्य शक्ति भी है।’’ साथ ही कहा कि चीन की उन्नति दुनिया में ‘‘शांति के लिए अच्छी खबर’’ है।
लिजियान ने कहा, ‘‘संबंधित देशों को शीत युद्ध वाली मानसिकता और संकीर्ण सोच वाली भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की अवधारणा को त्याग देना चाहिए। सही ढंग से देखना चाहिए और क्षेत्र में लोगों की आकांक्षाओं का सम्मान करना चाहिए तथा क्षेत्रीय एकजुटता और सहयोग के लिए और अधिक काम करना चाहिए।’’
नवंबर 2017 में भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग को खुला रखने के संबंध में नयी रणनीति विकसित करने के लिए क्वाड के गठन के लंबित प्रस्ताव को आकार दिया था। मार्च में राष्ट्रपति बाइडन ने डिजिटल तरीके से क्वाड शिखर सम्मेलन आयोजित किया। दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच क्वाड का शिखर सम्मेलन आयोजित होगा।

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