चीन ने ताइवान पर बुधवार को हमला करने की धमकी दूसरी बार दी है। चीन ने अपनी चेतावनी में कहा है कि स्वशासित द्वीप के साथ बातचीत करने वाले अन्य देशों के नेता आग से खेल रहे हैं। चीन के ताइवान मामलों के कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि देश नए साल में संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा और ताइवान की स्वतंत्रता के लिए षड्यंत्रों को नाकाम करने के लिए फिर से प्रतिबद्धता जताता है। जो 1949 में चीन के भूभाग से अलग हो गया था। यह विवाद बहुत पूराना है दरअसल बहुत समय पहले चीन ताइवान का हिस्सा था जिसे बाद में जापान को सौंप दिया गया। जिसके बाद चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। और उसे वापस लेना चाहता है।
चीन ने बाकि देशों को निशाने पर लिया
मा शियाओगुआंग ने एक द्विसाप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘कुछ देशों में चीन विरोधी तत्वों के बीच ताइवान की स्वतंत्रता के लिए दुर्भावनापूर्ण समर्थन जानबूझकर उकसावे वाला कदम है। चीन दावा करता है कि ताइवान चीनी भूभाग का हिस्सा है जिसे आवश्यक होने पर बलपूर्वक बीजिंग के नियंत्रण में लाया जाना चाहिए। हाल के महीनों में अन्य देशों के नेताओं की ताइवान यात्रा के बाद दोनों पक्षों ने सैन्यशक्ति का प्रदर्शन किया है। हाल ही में ताइवान की यात्रा करने वाले नेताओं में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की तत्कालीन अध्यक्ष नैंसी पेलोसी के साथ ही यूरोपीय संघ के कई नेता शामिल थे।
चीन ने ताइवान की सेना को आड़े हाथ लिया
इस सप्ताह, ताइवान की सेना चीन के खतरों का मुकाबला करने की अपनी क्षमता को लेकर जनता को आश्वस्त करने के उद्देश्य से अभ्यास कर रही है। मा शियाओगुआंग ने कहा, हम संबंधित देशों से ताइवान की स्वतंत्रता, अलगाववादी ताकतों को गलत संकेत देना बंद करने और ताइवान को लेकर आग से खेल बंद करने का आह्वान करते हैं।