भारत जब भी कुछ बड़ा करता है तो भारत के पड़ोस के दुश्मनों का कलेजा पूरी तरह जल जाता है और एक बार फिर से भारत के पड़ोसी चीन ने कुछ इसी तरह की हरकत को अंजाम दिया है। वैसे भारत चीन के साथ एक इंच समुद्री सीमा भी साझा नहीं करता। फिर भी ड्रैगन के जहाज भारतीय समुद्र तटों के आसपास मंडराते रहते हैं। चीन ने हाल के वर्षों में हिंद महासागर में अपनी दिलचस्पी बढ़ाई है, जिससे भारत के लिए एक नई चुनौती खड़ी हो गई है। चीनी जासूसी जहाज बार -बार इस क्षेत्र में दाखिल हो रहे हैं। और ऐसा कर के वह अपनी ही बातों से पलट जाता है।
सुत्रों कि माने तो भारत जब भी मिसाइल लॉन्च से जुड़ी गतिविधियों शुरू करता है तो, चीन चुपके से अपने जहाज को इस ओर रवाना कर देता है।
हिंद महासागर में दाखिल चीन
ये मुद्दा इसलिए सुर्खियों में है, क्योंकि खबर है कि एकबार फिर चीनी जासूसी जहाज हिंद महासागर में दाखिल हो चुके हैं। ये खबर ऐसे समय में आई है, जब भारत बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च करने वाला है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन का रिसर्च जहाज युआन वांग-5 सोमवार को एकबार फिर से हिंद महासागर में पहुंच गया
बताया जा रहा है कि चीनी जासूसी जहाज इंडोनेशिया के जावा तट के पास था। लेकिन जैसे ही भारत ने अंडमान निकोबार क्षेत्र में मिसाइल परीक्षण के लिए नोटिस टू एयरमैन / नोटिस टू एयर मशीन जारी किया, चीनी जासूसी जहाज को हिंद महासागर में भेज दिया गया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जहाज कहीं और जा रहा था, लेकिन भारत के नोटम जारी करने के बाद उसने अपनी दिशा बदल कर हिंद महासागर की ओर कर ली।
नवंबर में कैंसिल करना पड़ा था परीक्षण
इससे पहले नवंबर में भी चीन ने हिंद महासागर में भारत की जासूसी करने के लिए युआन वांग-6 को भेज दिया था। भारत इस दौरान मिसाइल परीक्षण करने वाला था लेकिन चीनी जासूसी जहाज की मौजूदगी की खबर सामने आने के बाद इसे रोक दिया गया। ऐसे में सवाल उठता है कि इसबार भी भारत पिछली बार की तरह नोटम रद्द कर मिसाइल परीक्षण को टाल देगा।