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चीन : राष्ट्रपति शी जिनपिंग की जीरो-कोविड नीति को लेकर हिंसक हुआ विरोध प्रदर्शन, 'आजादी-आजादी' के लगे नारे

चीन के कड़े कोविड प्रतिबंधों के खिलाफ विरोध तीसरे दिन भी जारी रहा और कई शहरों में फैल गया। शंघाई में सैकड़ों प्रदर्शनकारी और पुलिस आपस में भिड़ गए। यह झड़पें राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए सबसे बड़ी परीक्षा हैं क्योंकि उन्होंने सत्ता में ऐतिहासिक तीसरा कार्यकाल हासिल किया है।

द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक दशक में चीन में सिविल नाफर्मानी (सविनय अवज्ञा) की लहर अभूतपूर्व है। महामारी ने शी की जीरो-कोविड नीति पर निराशा बढ़ाई है।

कोरोना के नए मामलों ने बनाया रिकॉर्ड 

पिछले हफ्ते देश के सुदूर पश्चिम में एक अपार्टमेंट में आग लगने से विरोध प्रदर्शन रविवार को शंघाई, बीजिंग, चेंगड़ू, वुहान और ग्वांगझू सहित शहरों में हुए।सोमवार को, चीन में कोविड-19 के 40,347 मामले सामने आए, जो एक दिन का एक नया रिकॉर्ड है।

द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, हजारों मामलों वाले ग्वांगझू और चोंगकिंग शहर प्रकोप को रोकने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। देश भर के कई अन्य शहरों में भी सैकड़ों संक्रमण दर्ज किए गए।चीनी शेयरों में तेजी से गिरावट आई है क्योंकि निवेशकों ने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पर विरोध के प्रभाव पर चिंता जताई है।

बड़ी संख्या में जुटे प्रदर्शनकारी 

बीजिंग में सोमवार सुबह कम से कम 1,000 लोगों के प्रदर्शनकारियों के दो समूह चीन की राजधानी के तीसरे रिंग रोड पर लिआंगमा नदी के पास इकट्ठा हुए और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।शंघाई में एक 26 वर्षीय प्रदर्शनकारी ने कहा, 'हम सिर्फ अपने बुनियादी मानवाधिकार चाहते हैं। हम बिना टेस्ट कराए अपने घरों से नहीं निकल सकते। शिनजियांग में हुए हादसे ने लोगों को बहुत दूर धकेल दिया है।'

प्रदर्शनकारी ने कहा, 'यहां के लोग हिंसक नहीं हैं, लेकिन पुलिस उन्हें बिना किसी कारण के गिरफ्तार कर रही है। उन्होंने मुझे पकड़ने की कोशिश की लेकिन मेरे चारों ओर इकट्ठा लोगों ने मेरे हाथों को इतनी मजबूती से पकड़ा और मुझे वापस खींच लिया ताकि मैं बच सकूं।'

आजादी - आजादी के लगे नारे 

रविवार शाम तक इलाके में सैकड़ों की संख्या में लोग जमा हो गए थे। द गार्जियन ने बताया कि कुछ ने उन्हें तितर-बितर करने की कोशिश कर रही पुलिस से धक्का-मुक्की की। लोगों ने विरोध जताने के लिए कागज की खाली शीट पकड़ रखी थीं।

शनिवार को शंघाई में लोगों ने 'कोई पीसीआर टेस्ट नहीं, हम आजादी चाहते हैं!' इसके बाद 'स्वतंत्रता! स्वतंत्रता' का बार-बार आह्वान किया।