काठमांडू : चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने यहां नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के साथ शनिवार को बातचीत की। वह दो दिवसीय नेपाल यात्रा के लिये शनिवार को यहां पहुंचे। पिछले 23 साल में नेपाल का दौरा करने वाले चीन के पहले राष्ट्र प्रमुख हैं।
नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी और प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने शी की काठमांडू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अगवानी की और नेपाल की सेना ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। शी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ दो दिवसीय अनौपचारिक शिखर वार्ता के बाद यहां पहुंचे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति भंडारी और प्रधानमंत्री ओली चीनी राष्ट्रपति का गर्मजोशी से स्वागत करने के लिये हवाई अड्डे पहुंचे। बाद में शी ने भंडारी से उनके आवास शीतल निवास पर मुलाकात की।
उनका आज शाम को ही मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस के नेता शेर बहादुर देउबा से मिलने का भी कार्यक्रम है। इसके बाद वह होटल सोआल्ती में नेपाल की राष्ट्रपति की ओर से आयोजित भोज में हिस्सा लेंगे। वहीं पर शी शनिवार की रात गुजारेंगे।
अधिकारी ने बताया, ‘‘राष्ट्रपति शी रविवार को प्रधानमंत्री के पी ओली और सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के सह अध्यक्ष कमल दहल ‘प्रचंड’ से मुलाकात करेंगे। प्रधानमंत्री ओली के नेतृत्व में नेपाली प्रतिनिधिमंडल और शी के नेतृत्व में चीनी प्रतिनिधिमंडल के बीच सिंह बहादुर सचिवालय में औपचारिक वार्ता होगी।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि समेत विभिन्न समझौतों और सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किये जाएंगे।
‘काठमांडू पोस्ट’ की खबर के अनुसार हालांकि अधिकारियों ने कहा कि प्रत्यर्पण संधि को लेकर कोई समझौता होने की संभावना नहीं है।
कानून मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘यह संधि नेपाली और चीनी दोनों पक्षों की प्राथमिकता है।’’
विशेषज्ञों के मुताबिक नेपाल में ‘चीन विरोधी’ गतिविधियों में शामिल तिब्बतियों को प्रत्यर्पित कराने के लिए चीन प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर करने को लेकर नेपाल पर दबाव बना रहा है।