भारत को हमेशा अपनी तिरछी नजरे दिखाने वाला चीन अब अपनी सैन्य क्षमता को बढ़ाने पर अधिक जोर दे रहा है। चीन का ये संकेत भारत के लिए चिंता का विषय है। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सशस्त्र बलों के तेजी से आधुनिकीकरण में मदद करने और भविष्य में युद्ध जीतने के लिए नयी प्रतिभाओं की भर्ती की जरूरत पर जोर दिया है। सेना द्वारा अग्रिम पंक्ति के पदों के लिए तीन लाख कर्मियों को भर्ती करने की प्रतिबद्धता जताए जाने की खबरों के बीच यह जानकारी सामने आयी है।
सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के अलावा सेना का नेतृत्व करने वाले राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शुक्रवार से रविवार तक आयोजित सैन्य प्रतिभा संबंधी कार्यों पर आधारित एक सम्मेलन में कहा कि प्रतिभा ही उच्च गुणवत्ता के साथ चीनी सशस्त्र बलों की प्रगति, सैन्य प्रतिस्पर्धा में जीत हासिल करने और भविष्य के युद्धों में बढ़त लेने की कुंजी है।
चीनी सेना तेजी से आधुनिकीकरण की ओर बढ़ रही है
चीनी सेना 209 अरब डॉलर के वार्षिक सैन्य बजट के साथ तेजी से आधुनिकीकरण की ओर बढ़ रही है। साथ ही संगठनात्मक सुधार के अलावा वह आधुनिक हथियार प्रणालियों से लैस भी हो रही है। शी ने कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के 2027 में होने वाले शताब्दी वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के वास्ते ठोस समर्थन देने के लिए नयी प्रतिभाओं की जरूरत है।
लड़ने व जीतने की क्षमताओं को मजबूत करना अंतिम लक्ष्य होना चाहिए
राष्ट्रपति ने कहा, ”लड़ने व जीतने की क्षमताओं को मजबूत करना सैन्य प्रतिभा का प्रारंभिक बिंदु और अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।” उन्होंने सैन्य कर्मियों के वैज्ञानिक ज्ञान और आधुनिक युद्ध जीतने की उनकी क्षमता में सुधार के उद्देश्य से तकनीकी जानकारी में सुधार के लिए प्रयास किए जाने का भी आह्वान किया।
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इस बीच, हांगकांग के ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ ने सोमवार को अपनी खबर में बताया कि चीनी सेना ने युवा पेशेवरों को पीएलए में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के मद्देनजर अग्रिम पंक्ति की भूमिकाओं के वास्ते तीन लाख सैनिकों के लिए संसाधनों में वृद्धि की है।
जानें चीन की सेना के बारे में एक नजर में
बता दें कि हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने सोमवार को बताया कि चीनी सेना ने पीएलए में 3 लाख सैनिकों को शामिल करने के लिए युवाओं को कई संसाधनों का लालच दिया है। बता दें कि 2012 में सत्ता संभालने के बाद से शी ने सेना में बड़े पैमाने पर सुधार किए। जिसमें पीएलए की संख्या को 23 लाख से घटाकर 20 लाख सैनिक किया गया। 3 लाख कर्मियों को गैर-लड़ाकू इकाइयों से हटा दिया गया था।
पीएलए हवाई टुकड़ी इकाइयों को डिवीजन-स्तर से ब्रिगेड में अपग्रेड किया गया
चीनी के हवाले से कहा है, “पीएलए हवाई टुकड़ी इकाइयों को डिवीजन-स्तर से ब्रिगेड में अपग्रेड किया गया था, जबकि नई पीढ़ी के लड़ाकू जेट जैसे जे -20, जे -16 एस, जे -10 सी चलाने वाले पायलटों की संख्या भी बढ़ाई गई थी।” सैन्य सूत्रों का कहना है कि चीनी नौसेना ने अपनी समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने के लिए कई बदलाव किए हैं।
इसके अलावा पीएलए ने अपने मरीन कॉर्प्स को लगभग 20,000 कर्मियों से बढ़ाकर 1 लाख करने की योजना बनाई, जिससे ब्रिगेड की संख्या दो से बढ़कर 10 हो गई है। कुछ सैनिकों को उन बंदरगाहों पर तैनात किया जाएगा। चीनी राष्ट्रपति शी का लक्ष्य 2027 तक पीएलए को शताब्दी वर्ष से पहले एक आधुनिक लड़ाकू बल और 2050 तक संयुक्त राज्य अमेरिका के बराबर एक विश्व स्तरीय सेना में बदलना है।