लंदन : यूरोपीय संघ (ईयू) के राजदूतों की शुक्रवार को ब्रसेल्स में हुई बैठक में 31 अक्टूबर को प्रस्तावित ब्रेक्जिट को टालने पर सैद्धांतिक सहमति बन गई। हालांकि, ब्रिटेन के ईयू से अलग होने की नई तारीख पर फैसला अगले सप्ताह होगा।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस हफ्ते की शुरुआत में 12 दिसंबर को मध्यावधि आम चुनाव कराने की मांग की थी जिसअपर संसद को फैसला लेना था। इसके मद्देनजर ईयू की ओर से इस कदम की उम्मीद की जा रही थी।
यूरोपीय आयोग की प्रवक्ता ने यहां ईयू मुख्यालय में पत्रकारों से कहा, ‘‘ यहां मैं एक बात कह सकती हूं कि ईयू के 27 देश सैद्धांतिक रूप से ब्रेक्जिट को टालने और आने वाले दिनों में काम करने पर सहमत हुए हैं। इसका मकसद लिखित प्रक्रिया के तहत फैसला लेना है।’’
इससे पहले ब्रिटिश संसद से कानून पारित कर कहा था कि अगर हाउस ऑफ कॉमन 31 अक्टूबर की निर्धारित तारीख से पहले ईयू से अलग होने के समझौते को मंजूरी नहीं देता है तो ब्रिटेन बिना करार के ही अलग हो जाएगा। इसके बाद जॉनसन ने औपचारिक रूप से ब्रेक्जिट को टालने का अनुरोध किया था। हालांकि, वह जोर देते रहे हैं कि ब्रिटेन इस महीने के अंत तक अलग हो जाएगा और उनका कहना था कि इस मामले में पीछे नहीं लौटा जा सकता।
ईयू के अधिकतर सदस्य देश ब्रेक्जिट को जनवरी 2020 तक यानि तीन महीने तक टालने के पक्ष में हैं। यह वह समय है जो कथित बेन कानून में उल्लेखित है जिसके तहत जॉनसन ने ब्रेक्जिट की अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया है।
हालांकि, फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों ब्रेग्जिट को केवल नवंबर के मध्य या अंत तक टालने के पक्ष में थे जो रेखांकित करता है कि लगातार इस प्रक्रिया में हो रही देरी से ईयू नाखुश है।
ब्रसेल्स की ओर से ब्रेक्जिट को टालने की घोषणा के बाद जॉनसन ने विपक्षी लेबर पार्टी से 12 दिसंबर के मध्यावधि चुनाव के पक्ष में मतदान करने की अपील की।