कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप चीन के वुहान से शुरू हुआ और दुनिया के 180 से अधिक देशों में फैल चुका है। भारत में भी इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण ब्रिटेन और यूरोप से आने वाले यात्रियों पर भारत के प्रतिबंध के मद्देनजर यहां भारतीय उच्चायोग ब्रिटेन में फंसे भारतीय नागरिकों के रहने का प्रबंध करने के लिए मदद मुहैया करा रहा है।
मिशन ने भारतीयों की स्थिति की जानकारी हासिल करने के लिए भारतीय पासपोर्ट धारकों के लिए एक ईमेल प्रणाली शुरू की है। इसके अलावा फोन और सोशल मीडिया संदेशों के माध्यम से भी उनकी स्थिति का पता लगा रहा है। मिशन ने मदद के अनुरोध का जवाब देते हुए कहा, ‘‘उच्चायोग आपके ठहरने का प्रबंध करने में मदद कर सकता है। आप info.london@mea.gov.in पर मेल करके हमें बता सकते हैं कि आप कहां हैं। हम ईमेल के जरिए आपको आगे की सलाह देंगे।’’
उसने अपने ताजा परामर्श में कहा, “ब्रिटेन में जिन भारतीयों के वीजा की अवधि समाप्त होने वाली है लेकिन वे अभी स्वदेश नहीं लौट सकते, उनके लिए दिशा निर्देश पर उच्चायोग ब्रिटेन प्राधिकारियों से बात कर रहा है।” उच्चायोग से मदद मांगने वाले एक एनिमेटर एवं ग्राफिक डिजाइर ने कहा कि भारत जाने की उसकी टिकट बुधवार को प्रतिबंध लगने के बाद अपने आप रद्द हो गई। उसने कहा, ‘‘बिना नौकरी और बिना बचत के हम यहां कैसे रहेंगे।’’
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लीड्स से एक वरिष्ठ कारोबार विशेषज्ञ ने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि यह एक असाधारण स्थिति है। हालांकि यह देखना बहुत निराशाजनक है कि ब्रिटेन में फंसे लोगों के लिए ब्रिटेन के प्राधिकारियों ने कोई फैसला नहीं किया है। चीनी नागरिकों के वीजा की अवधि अपने आप बढ़ गई है। हम भी इसी मॉडल का पालन क्यों नहीं कर रहे।’’ कुछ लोग इस बात को लेकर भी संशय में हैं कि वे भारत के यात्रा प्रतिबंध की 31 मार्च की सीमा के बाद भी स्वदेश लौट पाएंगे या नहीं क्योंकि कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ने के कारण यह समय सीमा बढ़ाए जाने की संभावना है।
ब्रिटेन में कोरोना वायरस के कारण 144 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ जैसे छात्र समूह इस मुश्किल समय में भारतीय नागरिकों की मदद करने की कोशिशों में जुटे हैं और उन्होंने ब्रिटेन में गृह मंत्रालय से उन फंसे लोगों की मदद करने का आग्रह किया है जिनके छात्र वीजा की अवधि समाप्त होने वाली है।