विश्व पर शासन करने की ख्वाहिश पालने वाला चीन खुद ही अपना सबसे बड़ा दुश्मन बना हुआ है। लिहाजा उसका भी वही हाल होगा, जो सोवियत संघ का हुआ था यानी सोवियत संघ की तरह चीन भी ढह जाएगा।
चीन में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने ही इस बात का दावा किया है। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के पोलितब्यूरो के सदस्य यांग शिआओडू ने कहा कि अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में विफलता मिलती है, तो यह देश के लिए बेहद घातक साबित होगा।
चीन कम्यूनिस्ट पार्टी के मुखपत्र में यांग ने लिखा, ‘भ्रष्टाचार इस हद तक बढ़ गया है कि अगर उसे नियंत्रित नहीं किया गया तो देश का स्वरूप बदल जाएगा। ऐसे में पार्टी और देश के लोगों का भविष्य वैसा ही हो सकता है जैसे सोवियत यूनियन और ईस्टर्न ब्लॉक का हुआ था। अपने पूर्ववर्तियों की तरह राष्ट्रपति शी चिनफिंग भी यही मानते हैं कि सत्ता पर पकड़ ढीली होने से देश में उथल-पुथल मच सकती है और देश टूटने की कगार पर भी आ सकता है।
पार्टी हमेशा अपने काडर से कहती है कि वह सोवियत यूनियन के विघटन का अध्ययन करे। यांग का संपादकीय इस बात की ओर इशारा करता है कि चिनफिंग के दाहिने हाथ माने जाने वाले वांग क्विशान की विदाई के बाद भी भ्रष्टाचार के खिलाफ चिनफिंग की लड़ाई कमजोर नहीं होगी। पिछले महीने पार्टी नेतृत्व में हुए बदलाव से पहले वांग को चीन का दूसरा सबसे शक्तिशाली राजनेता माना जाता था। उन्हें ऐंटी करप्शन के चीफ पद से हटा दिया गया था।