चीन के स्वास्थ्य प्राधिकारियों ने कोविड-19 से दो और मरीजों की मौत होने की जानकारी दी। दोनों मरीजों की मौत राजधानी बीजिंग में हुई।
चीन ने अपनी सख्त ‘‘जीरो कोविड’’ नीति में कुछ छूट दी है जिसके बाद देशभर में संक्रमण और मौत के मामले बढ़े हैं।
चीन ने चार दिसंबर के बाद से कोविड-19 से किसी की मौत न होने का दावा किया था जबकि अनौपचारिक खबरों में संक्रमण के मामले बढ़ने की बात कही गयी थी।
दो और मरीजों की मौत के साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने पिछले तीन साल में कोविड-19 से 5,237 लोगों के जान गंवाने की जानकारी दी है और संक्रमण के मामलों की संख्या 3,80,453 बतायी है जो अन्य प्रमुख देशों से कहीं कम है।
चीन के स्वास्थ्य प्राधिकारी केवल उन्हीं लोगों को कोविड-19 मृतकों की सूची में जोड़ते हैं जिनकी सीधे संक्रमण की वजह से मौत हुई तथा उन्हें मधुमेह और दिल की बीमारी नहीं थी। वहीं, कई अन्य देशों में ऐसा नहीं है।
चीनी अधिकारियों ने यह घोषणा तब की है जब कुछ लोगों ने कोरोना वायरस से मौत के मामले बढ़ने की जानकारी दी है।
बुजुर्गों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं चीन के नर्सिंग होम
चीन में सरकार की ओर से जीरो-टालरेंस वायरस पॉलिसी में ढील दिए जाने के कारण कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप काफी बढ़ गया है और यहां के नर्सिंग होम इस समय बुजुर्ग नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए एक कठिन लड़ई लड़ रहे हैं।
चिकित्सा केंद्रों ने अपने आप को बाहरी दुनिया से अलग-थलग कर रखा है और कर्मचारी कार्यस्थल पर ही सो रहे हैं। चिकित्सा केंद, दवाओं के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं।
उधर, अधिकारियों ने इस संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों को लेकर चेतावनी जारी की है। उद्योग मंत्रालय के अधिकारी झोउ जियान ने बुधवार को कहा कि देश प्रमुख दवाओं के उत्पादन में तेजी लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
विशेषज्ञों को डर है कि सरकार की ओर से दी गयी ढील के बाद लोगों की आवाजाही बढ़गी और संक्रमण तेजी से फैलेगा क्योंकि लाखों कमजोर बुजुर्ग लोगों का अभी भी पूरी तरह से टीकाकरण नहीं किया गया है।
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक प्रबंधक ने एक न्यूज एजेंसी से कहा,‘‘ हम पूरी तरह सीलबंद हैं। केवल भोजन और आपूर्ति की अनुमति है। किसी को भी प्रवेश करने या बाहर जाने की अनुमति नहीं है। ’’ उन्होंने बताया कि परिजनों ने ‘उच्च कीमत पर’ खरीद कर चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति करने को कहा था, लेकिन वे एक सप्ताह के बाद भी नहीं पहुंचे। शहर के रसद नेटवर्क के साथ डिलीवरी श्रमिकों के बीच संक्रमण से पस्त हो गया है।
उन्होंने चेतावनी दी कि वायरस को हमेशा के लिए बाहर रखना असंभव होगा।
उन्होंने चेतावनी दी कि वायरस को हमेशा के लिए समाप्त करना असंभव होगा। उन्होंने कहा, ‘‘कूरियर और डिलीवरी कर्मी लगभग सभी कोविड-19 की चपेट में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप सभी बाहरी पैकेजिंग, साथ ही प्लास्टिक पैकेजिंग को कीटाणुरहित कर देते हैं या फेंक देते हैं, तो भी इससे नहीं बच सकते हैं क्योंकि आप अंदर आने वाले सभी खाद्य पदार्थों पर कीटाणुनाशक का छिड़काव नहीं कर सकते। ’’ स्थानीय सरकार के निर्देशों के बाद कई चीनी एल्डरकेयर सुविधाओं को पहले ही हफ्तों के लिए बंद कर दिया गया है। चीन का राजधानी बीजिंग स्थिति यूचेंग सीनियर होम ने कहा कि पिछले हफ्ते तक इसे लगभग 60 दिनों के लिए बंद कर दिया गया था।
शंघाई स्थित जियांगफू नर्सिंग होम ने कहा,‘‘ हम इसे इस सप्ताह तक बंद रखेंगे। सभी कर्मचारियों को साइट पर सोने के लिए मजबूर करेंगे और हर दिन कर्मचारियों का न्यूक्लिक एसिड टेस्ट देगा। ’’ होम ने अपने बयान में कहा, ‘‘जैसा कि समाज रोकथाम और नियंत्रण नीतियों का अनुकूलन करता है, हमारे घर को विशेष रूप से उच्च सतर्कता बनाए रखनी चाहिए। ’’ उल्लेखनीय है कि चीन ने पिछले सप्ताह कोरोना वायरस को लेकर लगाई गई पाबंदियां हटा ली थी, जिसके बाद बुखार से ग्रस्त लोगों के अस्पताल में आने की संख्या काफी बढ़ गई है। उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि वायरस पहले से ही देश में व्यापक रूप से फैल रहा था, क्योंकि लोग इस महामारी को रोकने के उपायों को नहीं अपना रहे थे।
शंघाई के स्कूलों में पढ़ाई ऑनलाइन
चीन के सबसे बड़े शहर शंघाई ने अपने अधिकांश स्कूलों को कोविड के मामले बढ़ने के बीच ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का आदेश दिया है, एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, शंघाई के एजुकेशन ब्यूरो के मुताबिक सोमवार से नर्सरी और चाइल्ड केयर सेंटर भी बंद हो गए।
चीन की शून्य-कोविड रणनीति के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों की लहर के बाद इस महीने की शुरूआत में चीनी अधिकारियों द्वारा प्रतिबंधों में ढील दी गई थी। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, सख्त लॉकडाउन में ढील देने से चीन में कोविड के प्रसार पर चिंता बढ़ गई है।
बीबीसी ने बताया- देश के कोविड टेस्टिंग और रिपोटिर्ंग सिस्टम में महत्वपूर्ण बदलावों से यह जानना मुश्किल हो गया है कि वायरस कितना व्यापक हो गया है। लेकिन देश भर में अस्थायी स्वास्थ्य केंद्रों और गहन देखभाल सुविधाओं की स्थापना के साथ अस्पतालों और चिकित्सा सुविधाओं पर दबाव बढ़ रहा है।
शंघाई में, यह सूचित किया गया है कि अतिरिक्त 230,000 अस्पताल बिस्तर उपलब्ध कराए गए हैं। शहर के कुछ स्कूलों ने पहले ही इन-पर्सन क्लास बंद कर दी हैं क्योंकि शिक्षक और कर्मचारी बीमार हैं। शनिवार को चीनी सोशल मीडिया साइट वीचैट पर पोस्ट किए गए एक बयान में, शंघाई के शिक्षा ब्यूरो ने घोषणा की थी कि सोमवार से अधिकांश प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय ऑनलाइन शिक्षा की ओर बढ़ेंगे।
जिन छात्रों और बच्चों के पास वैकल्पिक चाइल्डकैअर व्यवस्था नहीं है, वे स्कूल जाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। बयान में कहा गया है कि मौजूदा कोरोना वायरस रोकथाम उपायों के अनुरूप शिक्षकों और छात्रों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए उपाय किए जा रहे हैं।
शून्य-कोविड रणनीति में छूट के बाद, देश भर में कोरोना का विस्फोट हुआ है, कई शहरों में खामोशी है क्योंकि बड़ी संख्या में लोग घर पर अलग-थलग हैं, या तो कोविड से बीमार हैं या संक्रमित होने से बचने की कोशिश कर रहे हैं।