पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा है कि एक साल के लिये अपने रक्षा बजट में कटौती करने के सेना के इस कदम का हर किस्म के खतरे से निपटने में उसकी ‘‘जवाबी कार्रवाई की क्षमता’’ पर कोई असर नहीं पड़ेगा। भारत के साथ लगती नियंत्रण रेखा के पास तैनात अपने सैनिकों के साथ ईद-उल-फित्र मनाने के लिये पहुंचे बाजवा ने ये बातें कहीं।
वित्तीय संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के वित्तीय समाधान के लिये सरकार ने मितव्ययिता मुहिम शुरू की है, इस बीच पाकिस्तान की सेना ने एक दुर्लभ कदम के तहत स्वेच्छा से अगले वित्तीय वर्ष के लिये रक्षा बजट में कटौती का फैसला किया है।
देश की सेना द्वारा पहली बार ऐसा अभूतपूर्व कदम उठाये जाने पर टिप्पणी करते हुए सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने बुधवार को आश्वत किया कि रक्षा बजट में स्वेच्छा से की गयी कटौती का सेना की ‘‘जवाबी कार्रवाई की क्षमता’’ पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
नियंत्रण रेखा के पास सैनिकों के साथ ईद-उल-फित्र मनाने पहुंचे बाजवा ने कहा कि यह एक फौजी के लिये सबसे बेहतर ईद है क्योंकि उन्हें ऐसे त्यौहार के मौके पर अपने परिवार से दूर रहकर भी अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिये ड्यूटी पर तैनात होने का गौरव मिला है।
बातचीत के दौरान सैनिकों में जोश भरते हुए उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान के रक्षकों, हमारा पहला परिवार पाकिस्तान देश है और फिर हमारा घर।’’ सालाना रक्षा बजट में नियमित बढ़ोत्तरी को स्वेच्छा से त्यागने के फैसले पर सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘यह पहल देश पर कोई एहसान नहीं है क्योंकि हम सब सुख दुख के साथी हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वेतन नहीं बढ़ाने का फैसला सिर्फ अधिकारियों पर लागू होगा, अन्य सैनिकों पर नहीं।’’