रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया की रक्षामंत्री लिंडा रेनॉल्ड्स के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। दोनों नेताओं के बीच आपसी देशों की रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को आगे ले जाने पर केंद्रित रही। दोनों मंत्रियों ने साथ ही कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर भी चर्चा की जिसने दुनिया भर में 55 लाख से अधिक लोगों को संक्रमित किया है और 3.4 लाख लोगों की जान ले ली है।
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘दोनों मंत्रियों ने भारत-ऑस्ट्रेलिया रणनीतिक साझेदारी ढांचे के तहत द्विपक्षीय रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग पहलों को आगे ले जाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जतायी।’’ भारत और ऑस्ट्रेलिया समुद्री सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ा रहे हैं। इसके तहत मुख्य ध्यान संसाधन के लिहाज से परिपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने पर है। इसमें कहा गया कि सिंह ने रेनॉल्ड्स को महामारी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत के योगदान के बारे में सूचित किया और संकट से निपटने के लिए परस्पर सहयोग के संभावित क्षेत्रों के बारे में बात की।
इस बीच, मंगलवार को राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक करते हुए लद्दाख की जमीनी स्थिति की समीक्षा की, जहां पिछले कुछ दिनों से भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तनाव बना हुआ है और वे एक-दूसरे के आमने-सामने हैं। सूत्रों ने कहा कि बैठक एक घंटे से अधिक समय तक चली। सिंह को चीनी सैनिकों की लामबंदी के लिए भारतीय प्रतिक्रिया के बारे में जानकारी दी गई। बैठक के दौरान यह स्पष्ट किया गया कि भारतीय सेना मजबूती के साथ डटी रहेगी और साथ ही स्थिति को सामान्य बनाए रखने के लिए बातचीत जारी रहेगी। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सड़क निर्माण जारी रहना चाहिए और भारतीय किलेबंदी और सेना की तैनाती चीनियों से मेल खानी चाहिए।
इससे पहले, भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पूर्वी लद्दाख में उत्पन्न स्थिति को हल करने के लिए कई बैठकें कीं। हालांकि सोमवार तक इसमें कोई सफलता हासिल नहीं हो सकी। सूत्रों के मुताबिक पिछली बैठक रविवार को हुई थी, लेकिन कई बातें अनसुलझे रहीं।