दुनिया भर में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार जारी। इसे रोकने के लिए सभी देश हर ठोस कदम उठा रहे है। लेकिन कोई भी कामयाबी हाथ नहीं लग रही है। यहां तक कि कोरोना की नई लहर एक के बाद एक आती जा रही हैं। वही कोविड-19 के अत्यधिक संचारी डेल्टा स्वरूप के चलते ब्रिटेन में कोराना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर जारी है।
सरकार को टीकाकरण कार्यक्रम पर सलाह देने वाले एक विशेषज्ञ ने शनिवार को यह जानकारी दी। टीकाकरण एवं प्रतिरक्षण पर संयुक्त समिति (जेसीवीआई)को सलाह देने वाले प्रोफेसर एडम फिन ने बीबीसी से कहा कि देश में अब टीकों और कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा चल रही है।
डेल्टा स्वरूप की पहचान सबसे पहले भारत में की गई थी। प्रोफेसर फिन ने कहा, ‘‘यह फैलता जा रहा है, शायद हम कुछ आशावादी हो सकते हैं कि यह तेजी से नहीं फैल रहा है, लेकिन फिर भी यह फैल रहा है। इस तरह, निश्चित तौर पर तीसरी लहर जारी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं कि टीकाकरण कार्यक्रम, खासतौर पर वृद्ध लोगों को दूसरी खुराक देने, और डेल्टा स्परूप के तीसरी लहर के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा चल रही है।’’उन्होंने कहा, ‘‘जितनी जल्द हम वृद्ध लोगों को दूसरी खुराक दे देंगे, इस बार हम अस्पताल में उतनी कम संख्या में लोगों को भर्ती होते देखेंगे।’’
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के नवीनतम आंकड़ों से यह प्रदर्शित होता है कि प्रत्येक 540 संक्रमितों में एक मरीज डेल्टा स्वरूप से संक्रमित है जो देश में अब सबसे तेजी से फैलने वाला वायरस का स्वरूप बन गया है। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक टीके की एक खुराक किसी व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित होने और अस्पताल में इलाज कराने की की संभावना,यहां तक कि डेल्टा स्वरूप से संक्रमित होने की स्थिति में भी, 75 प्रतिशत घटा देती है।
साथ ही , टीके की दोनों खुराक ले चुके लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने और अस्पताल में भर्ती होने की संभावना 90 प्रतिशत से अधिक घट जाती है। इस बीच, डेल्टा स्वरूप के प्रसार का पता लगाने के लिए दक्षिण लंदन सहित इंग्लैंड के अन्य हिस्सों में जांच बढ़ा दी गई है।