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तानाशाह किम जोंग उन की बहन ने अमेरिका का उड़ाया मजाक, बाइडन प्रशासन को हो सकती है टेंशन

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की शक्तिशाली बहन किम यो जोंग ने अमेरिका के साथ कूटनीतिक संबंध जल्द बहाल होने की संभावनाओं को खारिज करते हुए कहा है कि वार्ता को लेकर अमेरिका की उम्मीदें ‘‘उसे और अधिक निराश करेंगी।’’

ट्रम्प प्रशासन के समय से चली आ रही अमेरिका और उत्तर कोरिया की तनातनी के  जल्द खत्म होने के संकेत दिखाई नहीं दे रहे है। बाइडन प्रशासन ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उत्तर कोरिया से बातचीत के रास्ते खोलने को तवज्जो दी थी पर उत्तर कोरिया शायद अमेरिका से फिलहाल कोई वार्ता करने के पक्ष में नहीं है। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की बहन ने हाल ही में बयांन दिया है जिससे अमेरका को  नाराजगी होना लाज़मी है। 
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की शक्तिशाली बहन किम यो जोंग ने अमेरिका के साथ कूटनीतिक संबंध जल्द बहाल होने की संभावनाओं को खारिज करते हुए कहा है कि वार्ता को लेकर अमेरिका की उम्मीदें ‘‘उसे और अधिक निराश करेंगी।’’ कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि किम यो जोंग का यह दो टूक बयान इशारा करता है कि जब तक उत्तर कोरिया से प्रतिबंध नहीं हटाए जाते, तब तक उसके परमाणु कार्यक्रम को लेकर कूटनीतिक गतिरोध जारी रहने की संभावना है। 
किम जोंग उन ने हाल में अपने अधिकारियों से कहा था कि वे वार्ता और टकराव दोनों के लिए तैयार रहें। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने किम जोंग उन के इस बयान को ‘‘दिलचस्प संकेत’’ बताया था, लेकिन किम यो जोंग ने सुलिवन की टिप्पणी का मंगलवार को मजाक उड़ाया। सरकारी ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ के अनुसार, किम यो जोंग ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि अमेरिका हालात की व्याख्या स्वयं को दिलासा देने के लिए कर रहा है।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका की यह उम्मीद उसे और निराश कर देगी। 
उनका यह बयान तब आया, जब उत्तर कोरिया मामलों के शीर्ष अमेरिकी दूत सुंग किम दक्षिण कोरिया के दौरे पर हैं। सुंग किम ने सोमवार को कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि उत्तर कोरिया वार्ता के अमेरिकी प्रस्तावों पर जल्द ही सकारात्मक प्रतिक्रिया देगा। दूसरी ओर, किम ने अपनी परमाणु क्षमता बढ़ाने की धमकी दी है और कहा है कि कूटनीति और द्विपक्षीय संबंधों का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि वाशिंगटन उन नीतियों को छोड़ता है या नहीं, जिन्हें वह शत्रुतापूर्ण समझते हैं। 
सियोल स्थित ‘कोरिया रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल स्ट्रैटेजी’ के विश्लेषक शिन बेओमचुल ने कहा कि उत्तर कोरिया महीनों से यही संदेश दे रहा है कि उसका फिर से वार्ता करने का तब तक कोई इरादा नहीं है, जब तक अमेरिका उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंध नहीं हटा लेता और उसे सार्थक रियायतें नहीं देता। शिन ने कहा, ‘‘दोनों पक्ष इंतजार कर रहे हैं – उत्तर कोरिया चाहता है कि अमेरिका पहले प्रतिबंधों में ढील दे और अमेरिका का उत्तर कोरिया की मांग स्वीकार करने का कोई इरादा नहीं है।’’ 
दक्षिण कोरिया में निजी सेजोंग संस्थान के विश्लेषक चेओंग सेओंग-चांग ने कहा कि किम यो जोंग के बयान से पता चलता है कि उत्तर कोरिया बातचीत फिर से शुरू करने के लिए फिलहाल तैयार नहीं है। चेओंग ने कहा, ‘‘आपसी अविश्वास और दुश्मनी इतनी गहरी है कि उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच वार्ता बहाल होना मुश्किल है। ’’ 

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