US Election: अमेरिका चुनाव में भारतवंशियों का दबदबा, थानेदार समेत 6 लोगों की सिनेट में एंट्री

US Election Result : कमला हैरिस अगर अमेरिका का राष्‍ट्रपति चुनाव जीतती तो वो इस पद पर बैठने वाली पहली महिला होती. भारतीय मूल की कमला हैरिस का जादू इन चुनावों में नहीं चला लेकिन अब भारत के थानेदार जरूर अमेरिका की सिनेट में अपना जलवा बिखेरेंगे
US Election: अमेरिका चुनाव में भारतवंशियों का दबदबा, थानेदार समेत 6 लोगों की सिनेट में एंट्री
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नई दिल्ली। अमेरिका राष्‍ट्रपति चुनाव 2024 में डोनाल्‍ड ट्रंप ने भारतीय मूल की कमला हैरिस को बुरी तरह मात दे दी। मगर, इस चुनाव में भारतवंशियों का दबदबा रहा है। भारतीय मूल के 6 लोग चुनाव जीतकर सिनेट में जा रहे हैं। यह आंकड़ा पिछले चुनाव से अधिक है। उन्होंने पहली बार 2023 में चुनाव जीता था। अहम बात है कि भारतीय मूल के श्री थानेदार भी सिनेट में कदम रखेंगे। मिशिगन से श्री थानेदार ने बंपर जीत दर्ज की है। ये पेशे से बिजनेसमैन हैं। थानेदार ने कमला हैरिस की डेमोक्रैट्स पार्टी से अपना परचम बुलंद किया है। बता दें, श्री थानेदार मूल रूप से कर्नाटक के बेलगाम के निवासी हैं। वो पीएचडी करने अमेरिका गए थे और फिर वहीं बस गए।

सभी विजेता कैंडिडेट डेमोक्रेट पार्टी के सदस्य

हैरानी की बात है कि अमेरिका राष्‍ट्रपति चुनाव में जीतने वाले सभी भारतीय-अमेरिकी सदस्य डेमोक्रेट पार्टी से ही हैं। थानेदार के अलावा कैलिफोर्निया से अमी बेरा और रो खन्ना, इलिनोइस से राजा कृष्णमूर्ति और वाशिंगटन की प्रमिला जयपाल ने इन जीत दर्ज की है। वर्जीनिया से हास सुब्रमण्यम जीते हैं। वकील सुहास सुब्रमण्यम वर्जीनिया और पूरे ईस्ट कोस्ट से चुने जाने वाले समुदाय के पहले व्यक्ति बन गए हैं। उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी के माइक क्लांसी को शिकस्त दी है। वह वर्तमान में वर्जीनिया राज्य के सीनेटर हैं। कृष्णमूर्ति पिछली कांग्रेस (अमेरिकी संसद) में रिपब्लिकन सदस्यों की चयन समिति के रैंकिंग सदस्य थे। बेरा सदनों की विदेशी मामलों की समिति की इंडो-पैसिफिक उपसमिति के सदस्य रहे हैं। वे हाल में स्टूडियो डिविजनल कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं।

इन कार्यों को लेकर थानेदार लोकप्रिय

श्री थानेदार ने अमेरिकी कांग्रेस में हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन कॉकस की स्थापना की है। वो कोचिंग स्कूल पर सक्रिय आवाज है। इतना ही नहीं थानेदार जयपाल लॉर्ड्स के प्रगतिशील कॉकस के अध्यक्ष भी रहे हैं। यह डेमोक्रेटिक पार्टी गठबंधन के अंदर सबसे कमजोर ब्लॉकों में से एक हैं। दूसरी ओर कानूनी और तकनीकी बैकग्राउंड से आने वाले सुब्रमण्यम ओबामा प्रशासन में तकनीकी नीति सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं।

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