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डोनाल्ड ट्रम्प, PM मोदी चिकित्सा सामान की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने पर सहमत, योग की महत्ता पर दिया जोर

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने में महत्वपूर्ण दवाओं और चिकित्सा सामान के लिए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने पर राजी हुए

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने में महत्वपूर्ण दवाओं और चिकित्सा सामान के लिए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने पर राजी हुए और उन्होंने इस स्वास्थ्य संकट के दौरान लोगों के शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग एवं आयुर्वेद की महत्ता पर भी चर्चा की। 
दोनों नेताओं के बीच शनिवार को फोन पर हुई बातचीत का ब्योरा देते हुए व्हाइट हाउस ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी से इस बारे में चर्चा की कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से लड़ने में दोनों देश एक साथ मिलकर कैसे काम कर सकते हैं। 
यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब दोनों देश कोविड-19 संक्रमण की जद में हैं। 
अमेरिका में अभी तक कोरोना वायरस के 3,12,245 से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है जो दुनिया के किसी भी देश में सर्वाधिक है और 8,500 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं। भारत में कोविड-19 के 3,575 से अधिक मामले सामने आए हैं और 80 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। 
व्हाइट हाउस ने कहा, ‘‘दोनों नेता महत्वपूर्ण दवाओं और चिकित्सा सामान के लिए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के मुद्दे पर संपर्क में रहने तथा यह सुनिश्चित करने के लिए राजी हो गए कि वे इस वैश्विक स्वास्थ्य संकट के दौरान जितना संभव हो सके उतना सुचारू रूप से काम करते रहेंगे।’’ 
इसने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने इस मुश्किल वक्त में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए योग और आयुर्वेद की महत्ता पर भी चर्चा की।’’ 
दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि उनके अधिकारी वैश्विक कोविड-19 संकट के संबंध में करीबी संपर्क में रहेंगे। 
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को ट्वीट किया था कि उन्होंने राष्ट्रपति ट्रम्प से विस्तृत बात की। 
मोदी ने इस बातचीत के बारे में ट्वीट कर कहा, ‘‘राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ टेलीफोन पर विस्तृत चर्चा हुई।’’ 
प्रधानमंत्री कार्यालय ने बयान में कहा कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने महामारी और इसके विश्व अर्थव्यवस्था की सेहत पर पड़ने वाले असर को लेकर विचारों का आदान प्रदान किया। 
वहीं, ट्रम्प ने मोदी से अमेरिका को हाइड्रोक्लोरोक्वीन के टैबलेट भेजने में मदद का अनुरोध किया क्योंकि अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमितों की बढ़ती संख्या के साथ इसकी जरूरत है। उन्होंने यह अनुरोध भारत द्वारा मलेरिया रोधी दवा के निर्यात पर रोक लगाने के कुछ घंटों के बाद किया। 
त्वरित मंजूरी प्रवाधान का इस्तेमाल करते हुए अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने पिछले शनिवार सस्ती मलेरिया रोधी दवा का कुछ अन्य दवाओं के साथ मिलकार कोरोना संक्रमितों 1,500 मरीजों के इलाज में इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी। 
ट्रम्प के मुताबिक इस दवा का सकारात्मक असर हो रहा है और पत्रकारों से उन्होंने कहा कि यह स्वर्ग से मिला उपहार होगा। 
ट्रम्प ने कहा कि शनिवार सुबह उन्होंने मोदी से बात की और अमेरिका के लिए हाइड्रोक्लोरोक्वीन दवा भेजने के लिए अनुरोध किया। 
उन्होंने शनिवार को व्हाइट हाउस में कहा, ‘‘मैंने आज सुबह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की। वे बहुत अधिक मात्रा में हाइड्रोक्लोरोक्वीन बनाते हैं। भारत इसपर गंभीरता से विचार कर रहा है।’’ 
उल्लेखनीय है कि भारत के विदेश व्यापार महानिदेशालय ने चार अप्रैल को हाइड्रोक्लोरोक्वीन और इसको बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी और स्पष्ट किया था कि इसमें किसी तरह की छूट नहीं दी होगी। 
ट्रम्प ने कहा कि अगर अमेरिका के मांग के अनुरूप भारत हाइड्रोक्लोरोक्वीन दवा भेजता है तो वह आभारी रहेंगे। 

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