अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की, इससे कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए संघीय कोष से सरकार को 50 अरब डॉलर की राशि मिलेगी।
व्हाइट हाउस के लॉन में ट्रंप ने एक बयान में कहा, ‘‘संघीय सरकार की पूर्ण शक्ति का उपयोग करने के लिए मैं आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करता हूं।’’
उन्होंने अमेरिका के सभी राज्यों से आपात ऑपरेशन केन्द्र बनाने को कहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोनावायरस को महामारी करार दिया है। इससे दुनिया भर में सवा लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं और अब तक 4600 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
कनाडा प्रधानमंत्री और डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना वायरस पर चर्चा की
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सीमा पार से संबंधित चुनौतियों सहित कोरोनावायरस पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने गुरुवार को यहां जारी बयान में कहा कि प्रधानमंत्री ट्रूडो और राष्ट्रपति ट्रम्प ने कोरोनावायरस से नागरिकों की स्वास्थ्य, सुरक्षा तथा आर्थिक उदारीकरण को बढ़वा देने के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा की।
इससे पहले, ट्रूडो ने ब्रिटेन की यात्रा से लौटी पत्नी सोफी ग्रागोइरे ट्रूडो में फ्लू जैसे लक्षणों के बाद घर से अलग काम करने का फैसला किया। सुश्री ट्रूडो की कोरोना वायरस से संबंधित जांच की जा रही है।
स्वास्थ्य एजेंसी के आंकड़ के अनुसार गुरुवार को कनाडा में 35 नये मामलों की पुष्टि होने से कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर अब 138 हो गई है।
कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए अमेरिका के ओहियो और मैरीलैंड में स्कूल रहेंगे बंद
अमेरिका में मैरीलैंड और ओहियो प्रांत ने कोरोनावायरस महामारी को रोकने के लिए सार्वजनिक स्कूलों को बंद करने की घोषणा की हैं।
ओहियो के गवर्नर माइक डेविन ने एक बयान में कहा कि 16 मार्च सोमवार से तीन अप्रैल तक सभी के -12 स्कूल बंद रहेंगे। श्री डेविन ने कहा कि यह आदेश सभी सार्वजनिक और सामुदायिक स्कूलों के साथ-साथ निजी स्कूलों के लिये भी हैं।
इसी तरह मैरीलैंड में भी दो सप्ताह के लिए कक्षाएं रद्द करने का फैसला किया है। अधीक्षक करेन सैल्मन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 16 मार्च से शुक्रवार, 27 मार्च तक मैरीलैंड के सभी सार्वजनिक स्कूल बंद रहेंगे।
मैरीलैंड के गवर्नर लैरी होगन ने कहा कि प्रांत के सभी निजी स्कूल उचित कदम उठाये और इस अवधि के दौरान सभी स्कूलों को बंद रखे।
अमेरिका में अब तक कोरोना वायरस से 38 लोगों की मौत हो चुकी है और 1400लोग इससे संक्रमित है।
फीफा ने दक्षिण अमेरिकी विश्व कप क्वालीफायर स्थगित किए
फुटबाल की नियामक संस्था-फीफा ने साउथ अमेरिका जोन 2022 वर्ल्ड कप क्वालीफायर मुकाबलों को स्थगित कर दिया है।
फीफा ने मार्च के अंत में शुरू हो रहे क्वालीफायर मुकाबलों को कोरोनावायरस के बढ़ते खतरों के कारण स्थगित किया है।
एक दिन पहले ही दक्षिण अफ्रीका में फुटबाल की गवर्निग बॉडी-कॉनमेबोल ने फीफा से कहा था कि वह कोरोनावायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए मार्च के अंत में आयोजित होने वाले वर्ल्ड कप क्वालीफायर मुकाबलों को स्थगित कर दे।
कॉनमेबोल ने बुधवार को एक पत्र के माध्यम से फीफा से यह अपील की थी।
फीफा ने गुरुवार को जारी अपने बयान में कहा है कि वह हालात पर नजर बनाए हुए है और जब लगेगा कि हालात ठीक हैं तो फिर दक्षिण अमेरिकी जोन क्वालीफायर की अगली तारीख की घोषणा की जाएगी।
पत्र में कॉनमेबोल के सदस्यों-अर्जेटीना, बोलीविया, ब्राजील, चिली, कोलम्बिया, एक्वाडोर, पराग्वे, पेरू, उरुग्वे और वेनेजुएला जैसे सदस्यों ने हस्ताक्षर किए। ।
खाली स्टेडियम में आयोजित कराने के बजाए ओलम्पिक को स्थगित करना बेहतर : ट्रम्प
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि 24 जुलाई से नौ अगस्त के बीच होने वाले ओलम्पिक खेलों को कोरोनोवायरस से बचने के लिए स्थागित कर देना चाहिए।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, ट्रम्प ने बुधवार को कहा कि खाली स्टेडियम में खेलों के आयोजन से बेहतर है कि इन्हें एक साल के लिए स्थागित कर दिया जाए।
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि अगर आप इसे रद्द करते हैं और एक साल बाद आयोजित कराते हैं तो यह ज्यादा बेहतर होगा बजाए खाली स्टेडियमों के।’
जापान के राष्ट्रीय प्रसारणकर्ता एनएचके के मुताबिक, ट्रम्प ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे से फोन पर बात की, हालांकि प्रसारणकर्ता ने यह नहीं बताया कि दोनों के बीच ओलम्पिक को लेकर बात हुई के नहीं।
वहीं खेलों के आयोजकों ने कहा है कि 24 जुलाई से शुरू होने वाले खेलों के महाकुंभ की तैयारियां जोरों से चल रही हैं।
भारत, अमेरिका और अन्य ने प्रकाशकों से कहा, वे कोरोना वायरस से जुड़ी सभी जानकारी सार्वजनिक करें
भारत और अमेरिका सहित करीब दर्जन भर देशों ने शुक्रवार को प्रकाशकों से कहा कि वे कोरोना वायरस से जुड़े सभी शोध और उससे जुड़ी जानकारी तत्काल सार्वजनिक करें, ताकि तेजी से फैलती इस महामारी को रोकने में मदद मिल सके।
चीन में सबसे पहले दिसंबर में कोरोना वायरस संक्रमण का मामला सामने आया था। अभी तक इस महामारी ने दुनिया भर में 5,000 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है।
इन देशों के विज्ञान अधिकारियों ने ‘स्कॉलरी पब्लिशिंग कम्युनिटी के सदस्यों’ को एक खुला पत्र लिख कर कहा है कि तेजी से फैलते कोविड-19 महामारी को नियंत्रित करने के प्रयासों के तहत मौलिक विज्ञान शोध और नवोन्मेष इस वैश्विक आपदा से निपटने में महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे। हालात को देखते हुए यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है कि वैज्ञानिक और जनता यथाशीघ्र, शोध के परिणामों से वाकिफ हो सकें।
ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, जर्मनी, भारत, इटली, जापान, दक्षिण केारिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर और ब्रिटेन के सरकारी विज्ञान नेताओं सहित विज्ञान मंत्रियों और मुख्य वैज्ञानिक सलाहकारों की ओर से विज्ञान एवं प्रौद्योगिक नीति पर व्हाइट हाउस कार्यालय के निदेशक और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कोरोना वायरस कार्य बल के सदस्य ने एक खुली चिट्ठी की एक प्रति जारी की।