इस बार गणतंत्र दिवस पर अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बतौर चीफ गेस्ट भारत आना मुश्किल है। इसका कारण अमेरिका में कुछ राजनीति कार्यक्रम और ट्रंप का स्टेट ऑफ यूनियन संबोधन है, जो 26 जनवरी से कुछ दिन पहले या ठीक उसके बाद निर्धारित हो सकता है। सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार को अमेरिका ने संकेत दिया है कि ट्रंप के 26 जनवरी के समारोह में हिस्सा लेने की संभावना कम है। इस समारोह के लिए भारत ने ट्रंप को निमंत्रण दिया था। सूत्रों ने कहा कि नवंबर से लेकर स्टेट ऑफ यूनियन के संबोधन तक ट्रंप काफी व्यस्त रहेंगे। स्टेट ऑफ यूनियन संबोधन अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से कांग्रेस को दिया जाने वाला एक प्रमुख भाषण है। इसमें वह अगले वर्ष के लिए अपना एजेंडा पेश करने के साथ ही उपलब्धियों की भी जानकारी देते हैं।
जी-20 समिट में ट्रंप से मिलेंगे मोदी
मध्यावधि चुनाव में हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की 435 सीटों में से प्रत्येक और सीनेट की 100 सीटों में से 34 पर रिपब्लिकन और डेमोक्रेट लड़ेंगे। रिपब्लिकन के पास अभी दोनों में बहुमत है। ट्रंप के लिए ये चुनाव महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इससे अमेरिका की राजनीति में आगे का रास्ता तय हो सकता है। हालांकि, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने स्टेट ऑफ यूनियन संबोधन के बावजूद जनवरी, 2015 में गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर हिस्सा लिया था।
सूत्रों ने बताया कि ट्रंप के जनवरी में कुछ अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम भी हैं। हालांकि, डॉनल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास अर्जेंटीना में जी-20 समिट के दौरान मुलाकात करने का अवसर होगा। मोदी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान ट्रंप को भारत आने का निमंत्रण दिया था। बाद में इस निमंत्रण को बदलकर गणतंत्र दिवस के लिए निमंत्रण कर दिया गया था।
बता दें कि साल 2016 में फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद और 2017 में अबू धाबी के क्राउन प्रिंस गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि थे।