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पाक को न्यूक्लियर पावर देने वाले डॉ अब्दुल क़दीर ख़ान का निधन,PM इमरान ने जताया दुःख

पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के जनक माने जाने वाले अब्दुल कादिर खान का रविवार को निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे। एक्यू खान का जन्म वर्ष 1936 में भोपाल में हुआ था और 1947 में विभाजन के बाद अपने परिवार के साथ पाकिस्तान आकर बस गए थे।

पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के जनक माने जाने वाले अब्दुल कादिर खान  का रविवार को निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे। एक्यू खान का जन्म वर्ष 1936 में भोपाल में हुआ था और 1947 में विभाजन के बाद अपने परिवार के साथ पाकिस्तान आकर बस गए थे। खान ने इस्लामाबाद में खान रिसर्च लैबोरेटरीज (KRL) हॉस्पिटल में रविवार सुबह 7 बजे अंतिम सांस ली।  जियो न्यूज ने अपनी खबर में बताया कि सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद उन्हें तड़के अस्पताल लाया गया। चिकित्सकों के मुताबिक खान के फेफड़ों में रक्तस्राव के बाद उनकी स्थिति बिगड़ने लगी। फेफड़ों ने काम करना बंद कर दिया और उन्हें बचाया नहीं जा सका।
गृह मंत्री शेख रशीद ने कहा कि उन्हें बचाने के सभी प्रयास किए गए। उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने ट्विटर पर कहा, “डॉ अब्दुल कादिर खान के निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ। 1982 से उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानता था। उन्होंने राष्ट्र की रक्षा के लिए परमाणु प्रतिरोध विकसित करने में हमारी मदद की, और एक कृतज्ञ राष्ट्र इस संबंध में उनकी सेवाओं को कभी नहीं भूलेगा। 

प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि वह, ‘‘डॉ एक्यू खान के निधन से बहुत दुखी हैं।”उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “हमें परमाणु हथियार संपन्न देश बनाने में उनके महत्वपूर्ण योगदान के कारण उन्हें हमारे देश ने प्यार किया था। इसने हमें आक्रामक एवं बहुत बड़े परमाणु संपन्न पड़ोसी के खिलाफ सुरक्षा प्रदान की है। पाकिस्तान के लोगों के लिए वह एक राष्ट्रीय प्रतीक थे।”
रक्षा मंत्री परवेज खटक ने कहा कि वह खान के निधन से “अत्यंत दुखी” हैं और उन्होंने इसे “अपूर्णीय क्षति” बताया। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान राष्ट्र के प्रति उनकी सेवाओं का हमेशा सम्मान करेंगे। हमारी रक्षा क्षमताओं को समृद्ध करने में उनके योगदान के लिए राष्ट्र उनका ऋणी रहेगा।” अधिकारियों के मुताबिक जनाजे की नमाज दोपहर तीन बजे (स्थानीय समयानुसार) इस्लामाबाद के फैसल मस्जिद में अदा की जाएगी।
‘रेडियो पाकिस्तान’ ने खबर दी कि खान ने पाकिस्तान को परमाणु ताकत बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। देश के रक्षा क्षेत्र में उनकी सेवाओं को लंबे वक्त तक याद रख जाएगा।खान 2004 से सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में इस्लामाबाद के पॉश इलाके ई-7 सेक्टर में एकांतवास में रह रहे थे।

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