तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूंकप के बाद बचाव कार्य जारी है। अब तक दोनों देशों में आए भूकंप से 8000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। तुर्की के आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा कि 6 फरवरी को कहारनमारास क्षेत्र में 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद अब तक कुल 435 भूकंप दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि भूकंप के बाद से राहत और बचाव कार्य के लिए अब तक कुल 60,217 कर्मियों और 4,746 वाहनों और निर्माण उपकरणों को तैनात किया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, बुधवार तड़के राष्ट्र के नाम एक संबोधन में तुर्की के उपराष्ट्रपति फुअत ओकटे ने कहा कि अब तक कम से कम 5,894 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, जबकि 34,810 घायल हैं। उन्होंने कहा कि कुल 16,139 टीमें वर्तमान में बचाव कार्यों में लगी हुई हैं, आने वाले दिनों में अतिरिक्त अंतरराष्ट्रीय टीमों को तैनात किया जाएगा।
वहीं, सीरिया में मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,032 हो गई है, जबकि 2,600 लोग घायल हैं। इसकी जानकारी सीरियाई नागरिक सुरक्षा ने दी। एक निजी चैनल के हवाले से कहा, सैंकड़ों परिवारों के मलबे में दबे होने के कारण इन आंकड़ों में बढ़ोतरी होने की संभावना है। सीरिया की राज्य समाचार एजेंसी सना के अनुसार, देश के सरकार-नियंत्रित हिस्सों में कम से कम 812 मौतों की पुष्टि की गई है।
ठंड का मौसम घायलों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। वहीं इससे बचाव कार्यो में भी बाधा आ रही है। विनाशकारी भूंकप के चलते 60 से अधिक देशों ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है। प्रभावित क्षेत्रों में मानवीय सहायता भेजी जा रही है। वर्तमान में लगभग 20 अंतर्राष्ट्रीय सरकारी दल बचाव कार्यो में जुटे हुए हैं। तुर्की के दक्षिणी प्रांत कहामनमारस में सोमवार सुबह 4.17 बजे 7.8 तीव्रता से विनाशकारी भूकंप आया, जिसके कुछ मिनट बाद गजियांटेप प्रांत में 6.4 तीव्रता से भूकंप आया।
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) के अनुसार, 7.8 तीव्रता के भूकंप का केंद्र गाजियांटेप में नूरदागी से 23 किमी पूर्व में 24.1 किमी की गहराई में था। दोपहर करीब 1.30 बजे 7.5 तीव्रता से भूकंप का तीसरा झटका कहारनमारास में महसूस किया गया। तुर्की के दक्षिणी प्रांत हैटे और सीरिया के उत्तरी अलेप्पो शहर में सबसे ज्यादा लोगों की जान गई, जबकि लेबनान, इजराइल और साइप्रस में भी भूंकप के झटके महसूस किए गए। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने मंगलवार को देश के 10 सबसे अधिक प्रभावित प्रांतों में तीन महीने के आपातकाल की घोषणा की।