तुर्की में मंगलवार को फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.9 तक पहुंच गई। सोमवार को तुर्की में तीन जोरदार झटके महसूस किए गए। इनमें से पहला भूकंप सुबह 4 बजे आया जिसकी तीव्रता 7.8 थी। इसके बाद 7.5 और 6 तीव्रता के छोटे भूकंप भी महसूस किए गए। तुर्की में पिछले 24 घंटे में 2900 लोगों की जान गई है और तुर्की-सीरिया में अब तक 4360 लोगों की मौत हुई है। 7 दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है।
भूकंप बहुत तेज था और कई इमारतें ढह गईं। तुर्की सरकार ने कहा है कि तुर्की में अब तक 5606 इमारतें गिर चुकी हैं. सीरिया में भी तबाही का ऐसा ही मंजर देखने को मिला है।
आपको बता दें अब तक 15 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। भूकंप के कारण तुर्की ने 5600 से अधिक इमारतों को नष्ट कर दिया है। अकेले तुर्की में भी 2900 लोगों के मारे जाने की खबर है। इस बीच, सीरिया में सरकार नियंत्रित क्षेत्रों में 711 और विद्रोहियों के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में 740 लोग मारे गए हैं। सीरिया में 3531 लोग घायल हुए हैं, जबकि तुर्की में 14483 लोग घायल हुए हैं।
प्रभावित क्षेत्रों की तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं। कुछ प्राचीन सांस्कृतिक स्थलों को भी नुकसान पहुंचा है। सार्वजनिक और निजी संपत्ति का व्यापक विनाश हुआ है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के सलाहकार इनूर सेविक ने आपदा को व्यापक और विनाशकारी करार देते हुए कहा कि जीवित बचे लोगों को खोजने की कोशिश में संसाधनों की कोई कमी नहीं है।
सेविक ने बताया, जो लोग जो मलबे के नीचे फंसे हैं, उन्हें मौसम और खराब होने के पहले निकालना होगा। इन्हें बचाने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा, हमारे पास रडार है, बॉडी सेंसर हैं, लेकिन आप जानते हैं कि इतनी व्यापक तबाही है कि आप हर जगह नहीं पहुंच सकते।
आरटी ने बताया कि भूकंप के झटके तुर्की के 10 प्रांतों कहारनमारस, गाजियांटेप, सान्लिउर्फा, दियारबाकिर, अदाना, अदियामन, मालट्या, उस्मानिया, हटे और किलिस और सीरिया के उत्तरी अलेप्पो, हमा, लताकिया और टार्टस में महसूस किए गए। दोनों देशों में भूकंप ने प्रमुख बुनियादी ढांचों को नुकसान पहुंचाया। ऑनलाइन प्रसारित फुटेज के अनुसार तुर्की के किलिस प्रांत में प्राकृतिक गैस पाइपलाइनें फट गईं। इससे आग की लपटें उठने लगीं।
तेल और खनिज संसाधन मंत्रालय ने बताया कि सीरिया के सबसे बड़े बनियास शहर में एक रिफाइनरी की बिजली इकाई की चिमनी में दरार के कारण इसे कम से कम 48 घंटों के लिए बंद दिया गया। एहतियात के तौर पर ट्रेन सेवाएं भी बंद कर दी गईं।