यूक्रेन की राज्य ऊर्जा कंपनी यूक्रेनेर्गो ने दावा किया कि अब बंद हो चुके चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र में बिजली गुल हो गई है, जहां कीव पर पहले दिन रूसी सैनिकों द्वारा हमला किया था। कंपनी ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि बुधवार को आउटेज के कारण, सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिजली व्यवस्था प्रदान करने के लिए साइट पर आपातकालीन डीजल जनरेटर चालू किए गए थे। यूक्रेनेर्गो ने कहा कि डीजल जनरेटर पर डीजल ईंधन की आपूर्ति 48 घंटे के लिए पर्याप्त है।
बिजली गुल से सुरक्षा कार्यों पर ज्यादा प्रभाव नहीं
कंपनी के अनुसार, क्षेत्र में रूसी युद्ध अभियानों के कारण ऊर्जा आपूर्ति को बहाल करने के लिए मरम्मत कार्य कराना असंभव था। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने गुरुवार सुबह चेरनोबिल में बिजली गुल होने की पुष्टि करते हुए कहा कि इससे साइट पर आवश्यक सुरक्षा कार्यो पर महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ेगा। आईएईए ने ये भी बताया था कि यूरोप के सबसे बड़े न्यूक्लियर पावर प्लांट जेपोरीजिया से भी डेटा ट्रांसमिशन गायब हो गया था, जेपोरीजिया प्लांट पर रूसी सेना ने 4 मार्च को कब्जा कर लिया था।
जेपोरीजिया प्लांट से डेटा ट्रांसमिशन हुआ बंद
आईएईए के मुताबिक जेपोरीजिया में डेटा ट्रांसमिशन के नहीं होने का कारण अब तक पता नहीं चल सका है, एजेंसी का कहना था कि दोनों साइट से डेटा ट्रांसमिशन में रुकावट आना चिंता का सबब बन गया है। वहीं एजेंसी के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने कहा कि आउटेज से लगभग 210 तकनीकी विशेषज्ञों और गाडरें के लिए अतिरिक्त तनाव पैदा होने की संभावना थी, जो वर्तमान में रूस द्वारा 24 फरवरी को अपना युद्ध शुरू करने के बाद से साइट पर फंसे हुए हैं।
यूक्रेनी ऊर्जा मंत्री ने कही यह बात
बीबीसी से बात करते हुए, यूक्रेनी ऊर्जा मंत्री जर्मन गलुशेंको ने कहा कि फंसे हुए कर्मचारी अब मानसिक रूप से थक गए होंगे और कहा कि यूक्रेन के परमाणु संयंत्रों की रक्षा करना यूरोपीय संघ की भी प्राथमिकता है न कि केवल यूक्रेन के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए। गालुशेंको ने कहा कि यूक्रेनी अधिकारी जल्द से जल्द बिजली आपूर्ति बहाल करना चाहते हैं। मेयर यूरी फोमिचव ने बीबीसी को बताया कि स्लावुटिक शहर, जहां चेरनोबिल के अधिकांश कर्मचारी बिजली के बिना हैं। उन्होंने कहा कि बिजली गुल होने से पूरे शहर में पानी की कमी हो सकती है।