संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने ऑटिज्म से पीड़ित महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाने का आह्वान किया। उन्होंने ऑटिज्म से पीड़ित लोगों तथा उनके अधिकारों के लिए काम करने वालों को नीति निर्धारण तथा फैसले लेने की प्रक्रिया में शामिल करने की अपील की ताकि उनके सामने पेश आ रही चुनौतियों को हल किया जा सके।
महासचिव ने वर्ल्ड ऑटिज्म डे पर अपने संदेश में कहा, ‘‘ उन्हें शिक्षा और रोजगार हासिल करने में बाधाओं का सामना करना पड़ता है। उन्हें प्रजनन अधिकारों से वंचित रखा जाता है और उन्हें अपनी पसंद चुनने की आजादी नहीं दी जाती और उनसे जुड़़ी नीति निर्धारण में उन्हें शामिल नहीं किया जाता।’’ गुतारेस ने इस बात पर जोर दिया कि लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण पर हमारे कामों का फायदा दुनिया की सभी महिलाओं और लड़कियों को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों में 2030 के एजेंडे की अहम बात बरकरार रहनी चाहिए कि कोई भी लाभ से वंचित ना रहे। हर साल दो अप्रैल को वर्ल्ड ऑटिज्म डे मनाया जाता है।