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डेल्टा वेरिएंट बना सबसे ‘खतरनाक’ स्ट्रेन, विशेषज्ञ का दावा- फाइजर और जे एंड जे के वैक्सीन है असरदार

एस्ट्राजेनेका का टीका बीटा स्वरूप पर अधिक कारगर नहीं रहा, लेकिन अगर डेल्टा स्वरूप की बात करें तो फाइजर का टीका वायरस के इस स्वरूप पर भी असरदार रहा। कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट का खौफ पूरी दुनिया में है। इसी वेरिएंट के फैलाव के डर से कई देशों में कोरोना प्रतिबंध लौट आए हैं।

दुनियाभर में कोरोना महामारी का कहर बरकरार है। कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट का खौफ पूरी दुनिया में है। इसी वेरिएंट के फैलाव के डर से कई देशों में कोरोना प्रतिबंध लौट आए हैं। विशेषज्ञों ने दावा किया कि यह वेरिएंट सबसे अधिक खतरनाक है कि जिस पर वैक्सीन भी असर नहीं करती है। इस बीच दक्षिण अफ्रीका में इस्तेमाल किये जा रहे अमेरिकी कंपनियों फाइजर और जॉनसन एंड जॉनसन (जे एंड जे) के कोविड-19 रोधी टीके कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप पर अधिक असरदार है।
डेल्टा स्वरूप का मामला सबसे पहले भारत में आया, इसके कारण दक्षिण अफ्रीका में चल रही तीसरी लहर 
बीटा स्वरूप सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में सामने आया था, जो इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका में कोविड-19 की दूसरी लहर का कारण बना। डेल्टा स्वरूप का मामला सबसे पहले भारत में सामने आया और इसके कारण दक्षिण अफ्रीका में महामारी की तीसरी लहर चल रही है। इसके मद्देनजर लॉकडाउन और पाबंदियां बढ़ा दी गयी हैं। तीसरी लहर में पूर्व की दो लहरों की तुलना में मौत के मामले भी बढ़े हैं।
जे एंड जे का टीका बीटा स्वरूप की तुलना में डेल्टा पर अधिक कारगर
दक्षिण अफ्रीका के कार्यवाहक स्वास्थ्य मंत्री ममामोलोको कुबायी ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि विशेषज्ञों का कहना है कि प्रयोगशाला में अनुसंधान और क्षेत्र अध्ययन दोनों के आधार पर यह पता चला है कि ये टीके वायरस के डेल्टा स्वरूप पर कारगर हैं। दक्षिण अफ्रीका चिकित्सा अनुसंधान परिषद की अध्यक्ष और सीईओ प्रोफेसर ग्लेंडा ग्रे ने कहा, ‘‘हमने पाया है कि जे एंड जे का टीका डेल्टा स्वरूप पर बेहतर असर करता है और जहां तक डेल्टा और बीटा स्वरूप की बात है तो यह बीटा स्वरूप की तुलना में डेल्टा पर अधिक कारगर है।’’
दो खुराक की तुलना में एक खुराक भी उतनी ही असरदार
ग्रे ने कहा कि जे एं जे टीके की बूस्टर खुराक लेने की भी आवश्यकता नहीं है। अब तक के अध्ययनों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस दौरान स्वास्थ्यकर्मियों को दी गयी टीके की दो खुराक की तुलना में एक खुराक भी उतनी ही असरदार थी।
फाइजर के टीके से एंटीबॉडी का अधिक निर्माण हुआ जबकि एस्ट्राजेनेका के साथ ऐसा नहीं था
विटवाटरसैंड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पेन्नी मूर ने कहा कि मौजूदा आंकड़े दर्शाते हैं कि दक्षिण अफ्रीका में वर्तमान में इस्तेमाल टीके बीटा स्वरूप की तुलना में डेल्टा स्वरूप पर अधिक असरदार है। फाइजर के टीके से एंटीबॉडी का अधिक निर्माण हुआ जबकि एस्ट्राजेनेका के साथ ऐसा नहीं था। आंकड़े दर्शाते हैं कि एस्ट्राजेनेका का टीका बीटा स्वरूप पर अधिक कारगर नहीं रहा, लेकिन अगर डेल्टा स्वरूप की बात करें तो फाइजर का टीका वायरस के इस स्वरूप पर भी असरदार रहा।

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