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विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने रूसी समकक्ष से की मुलाकात, अफगानिस्तान और हिंद-प्रशांत जैसे मुद्दों पर की चर्चा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को यानी आज अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से मुलाकात की और द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति पर चर्चा की तथा अफगानिस्तान और हिंद-प्रशांत पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को यानी आज अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से मुलाकात की और द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति पर चर्चा की तथा अफगानिस्तान और हिंद-प्रशांत पर विचारों का आदान-प्रदान किया। जयशंकर मध्य एशिया के तीन देशों की यात्रा के दूसरे चरण में सोमवार को किर्गिस्तान से कजाकिस्तान पहुंचे। उनकी यात्रा का मकसद द्विपक्षीय संबंधों का विस्तार करना और अफगानिस्तान के घटनाक्रम सहित क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करना है।
अफगानिस्तान में अमेरिकी बलों की वापसी के बाद तालिबान का कब्जा हो गया है। मंत्री ने एशिया में वार्ता और विश्वास निर्माण उपायों के सम्मेलन (सीआईसीए) की मंत्रिस्तरीय बैठक से इतर लावरोव से मुलाकात की। जयशंकर ने ट्वीट किया, “नूर सुल्तान में सीआईसीए की बैठक के इतर रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात करके अच्छा लगा। हमारे द्विपक्षीय सहयोग की प्रगति पर चर्चा की। अफगानिस्तान और हिंद-प्रशांत पर विचारों का आदान प्रदान किया।”

बिश्केक में जयशंकर ने कहा था कि भारत अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक प्रस्ताव में उल्लेखित अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपेक्षाओं को तालिबान शासन द्वारा पूरा किये जाने के महत्व को भी रेखांकित किया।
लावरोव हिंद-प्रशांत अवधारणा के खुले तौर पर आलोचक रहे हैं। उन्होंने दिसंबर में अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिम देशों पर मास्को की भारत के साथ घनिष्ठ साझेदारी और विशेष संबंधों को कमजोर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि पश्चिम देश एकध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था को बहाल करना चाह रहे है जिसमें रूस और चीन को छोड़कर सभी राष्ट्र शामिल हों। भारत ने हिंद- प्रशांत रणनीति को अपनी ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ को और आगे बढ़ाने वाला बताया है और कहा है कि रूस इस क्षेत्र में अपना पूरा योगदान दे सकता है।
जयशंकर ने अपने मंगोलियाई समकक्ष से भी मुलाकात की और दोनों देशों के बीच अपनी मजबूत विकास साझेदारी पर चर्चा की। उन्होंने ट्वीट किया,“अपने मंगोलियाई नए सहयोगी बत्तसेतसेग बतमुंखी से मुलाकात करके खुशी हुई। हमारी मजबूत विकास साझेदारी पर चर्चा की। भारत हमेशा एक मजबूत आध्यात्मिक पड़ोसी बना रहेगा।” नूर-सुल्तान से जयशंकर अर्मेनिया जाएंगे जहां वह अपने अर्मेनियाई समकक्ष अरारत मिर्जोयान से मुलाकात करेंगे और प्रधानमंत्री निकोल पशिनयान से भी भेंट करेंगे।

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