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OIC में हिस्सा लेने अबू धाबी पहुंचीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी हमले के बाद वैश्विक मंच पर अलग-थलग पड़े पाकिस्तान इस सम्मेलन में शामिल नहीं हो रहा है।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) देशों के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए गुरुवार रात संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी अबू धाबी पहुंचीं। भारत को ऐसे मौके पर यह मंच मिला है जब वह पुलवामा हमले के बाद आतंकवाद के मुद्दे को लेकर पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करने के अभियान में जुटा है।

पाकिस्तान के आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने के सबूतों के साथ भारत के आतंकवाद के खिलाफ हुंकार भरने की संभावना है। यह पहला मौका है जब 17 देशों के प्रभावशाली समूह ओआईसी के सम्मेलन में भारत बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत कर रहा है। इसके साथ ही सुषमा स्वराज इस सम्मेलन में भाग लेने वाली पहली भारतीय विदेश मंत्री होंगी।

विदेश विभाग के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज ओआईसी के 46 वें सत्र के दो दिवसीय सम्मेलन के आरंभिक सत्र में बतौर ‘सम्मानित अतिथि’ शामिल होगीं। रवीश कुमार ने हवाई अड्डे पर सुषमा स्वराज का स्वागत किये जाने की तस्वीर भी पोस्ट की।

Sushma Swaraj1200

यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायेद अल नहयान ने हवाई अड्डे पर भारतीय विदेश मंत्री का जोरदार स्वागत किया। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी हमले के बाद वैश्विक मंच पर अलग-थलग पड़े पाकिस्तान इस सम्मेलन में शामिल नहीं हो रहा है। उसने ओआईसी को धमकी दी थी कि अगर भारत को आमंत्रित किया जाएगा तो वह इस सम्मेलन का बहिष्कार करेगा।

ओआईसी के संस्थापक देशों में से एक पाकिस्तान की धमकी का कोई असर नहीं हुआ और भारत बतौर विशिष्ट अथिति इस सम्मलेन में शिरकत कर रहा है। पाकिस्तान ने विरोध स्वरुप स्वयं को इस सम्मेलन से अलग रखा है। इसके पहले विदेश विभाग के एक वक्तव्य में कहा गया था कि यह निमंत्रण यूएई के साथ भारत के संबंधों में मील के पत्थर के समान है।

यह देश में 18.5 करोड़ मुस्लिम आबादी की पहचान और बहुलवादी संस्कृति में उनके योगदान के साथ-साथ इस्लामिक दुनिया में भारत के योगदान की पहचान है। भारत इस निमंत्रण को सहर्ष स्वीकार करता है और यूएई के नेतृत्व को धन्यवाद देता है। सूत्रों ने कहा था,‘‘ पहला मौका है जब इस्लामिक देशों के इस समूह ने भारत को अपने सम्मेलन में ‘पर्यवेक्षक’ के तौर पर आमंत्रित किया है।

इससे भारत के बढ़ते कूटनीतिक प्रभाव के बारे में पता चलता है। यूएई के विदेश मंत्री ने सुषमा स्वराज को ओआईसी के उद्घाटन सत्र को संबोधित करने का निमंत्रण दिया था। भारत ने पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद कूटनीतिक रास्ता अपनाते हुए पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर आतंकवाद के पनाहगाह के रूप में ‘बेनाकाब’ करने का वीणा उठाया है और इसमें उसे बहुत अच्छी सफलता मिली है।

आतंकवाद के खिलाफ लड़ई में भारत को अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन समेत कई यूरोपीय देशों के अलावा कई मुस्लिम देशों को भी समर्थन मिल रहा है। माना जा रहा है कि भारत आज ओआईसी के मंच से आतंकवाद के मुद्दे को जोर-शोर से उठायेगा। पुलवामा आतंकवादी घटना के बाद भारत के आतंकवादियों के सैन्य ठिकानों पर हमले की कार्रवाई की प्रतिक्रिया में पाकिस्तान द्वारा भारतीय सैन्य ठिकाने को निशाना बनाने के प्रयास को गंभीरता से इस मंच के उठाया जाएगा।

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