पाकिस्तान में सियासी चुनौतियों का सामना कर रहे प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की एक बैठक बुलाई थी, जो सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा के लिए सर्वोच्च मंच है। इससे एक दिन पहले सत्ताधारी गठबंधन में एक अहम सहयोगी दल के पाला बदलने के बाद प्रधानमंत्री संसद में प्रभावी रूप से बहुमत खो चुके हैं और विपक्ष पहले ही उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर चुका है। एनएससी की अध्यक्षता प्रधान मंत्री करते हैं और इसमें तीनों सेनाओं के प्रमुख, प्रमुख मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और शीर्ष खुफिया अधिकारी शामिल होते हैं।
विपक्ष को दिया था संसद भंग करने का प्रस्ताव
अपनी प्रधानमंत्री की कुर्सी बचाने के लिए पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने बैठक में एक आखिरी दांव खेला था, जो की व्यर्थ हो गया। दरअसल अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा से पहले पाकिस्तान में सियासी हलचल तेज हो गई है, गुरुवार को यानी आज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने विपक्ष को संसद भंग करने का प्रस्ताव दिया। ऐसा करके वे अविश्वास प्रस्ताव को टालना चाहते थे, लेकिन उनका यह आखिरी दांव भी फेल हो गया। विपक्ष ने उनका वह प्रस्ताव खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने संसद भंग करने की बात कही थी। विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने कहा कि हम किसी भी कीमत पर अविश्वास प्रस्ताव लाकर ही रहेंगे।
NSC बैठक में विदेशी फंडिंग वाले पत्र पर भी हुई बात
बता दें कि नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर ने भवन में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति का यह सत्र बंद कमरे में बुलाया था। इसके बाद शाम 6 बजे सुरक्षा समिति की बैठक होगी, इस सत्र के दौरान इमरान खान को मिली चिट्ठी के बारे में भी बताया गया, जिसके विदेशी शख्स के द्वारा भेजे जाने का दावा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने किया था। वहीं इस मामले पर अमेरिका की ओर से भी आज ही प्रतिक्रिया आई है, अमेरिकी सरकार ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ आये अविश्वास प्रस्ताव के पीछे अपनी भूमिका होने से संबंधित सभी आरोपों को खारिज कर दिया।
अमेरिका ने इमरान के आरोपों को बताया था निराधार
जियो न्यूज ने विदेश विभाग के हवाले से कहा,‘‘अविश्वास प्रस्ताव और प्रधानमंत्री इमरान खान को मिले धमकी भरे खत को लेकर अमेरिका पर लगाए गए आरोप निराधार हैं।” इसमें आगे कहा गया, अमेरिकी सरकार पाकिस्तान में राजनीतिक स्थिति पर नजर रखे हुए है और वहां की संवैधानिक प्रक्रिया का सम्मान करती है। गौरतलब है कि इमरान खान ने बुधवार को एक खत के बारे में जानकारी साझा करते हुए दावा किया था कि उनके पास उनकी सरकार के खिलाफ विदेशी ताकतों की साजिश के सबूत हैं।