वैश्वि स्तर पर गिरावट के बावजूद भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 2018 में छह प्रतिशत बढ़कर 42 अरब डॉलर पर पहुंच गया। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है। संयुक्त राष्ट्र की अंकटाड (संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास संगठन) द्वारा जारी विश्व निवेश रिपोर्ट 2019 में कहा गया कि भारत 2017-18 के दौरान एफडीआई आकर्षित करने वाले शीर्ष 20 देशों में शामिल रहा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में विनिर्माण, संचार तथा वित्तीय सेवा क्षेत्रों में विदेशी पूंजी का प्रवाह बढ़ने और विदेशी कंपनियों की ओर से विलय एवं अधिग्रहण के सौदे बढ़ाने से भारत में एफडीआई बढ़ा है। हालांकि इस दौरान वैश्विक एफडीआई 13 प्रतिशत गिर कर कम हुआ 1,300 अरब डॉलर रह गया। 2017 में यह आंकड़ा 1,500 अरब डॉलर था। वैश्विक एफडीआई में लगातार तीसरे साल गिरावट दर्ज की गयी है।
हालांकि, एशिया के विकासशील देशों में एफडीआई 2018 में 3.9 प्रतिशत बढ़कर 512 अरब डॉलर पर पहुंच गया। एशियाई क्षेत्र 2018 में सबसे ज्यादा एफडीआई निवेश प्राप्त करने वाला रहा। एशिया क्षेत्र ने 2018 में वैश्विक निवेश का 39 प्रतिशत हिस्सा आकर्षित किया जबकि 2017 में उसे 33 प्रतिशत मिला था।
दक्षिण एशिया में एफडीआई इस दौरान 3.5 प्रतिशत बढ़कर 54 अरब डॉलर पर पहुंच गया। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत दक्षिण एशिया में एफडीआई पाने में शीर्ष पर रहा है। भारत में एफडीआई इस दौरान छह प्रतिशत बढ़कर 42 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
रपट में कहा गया है कि भारत में सीमा पार की कंपनियों की ओर से विलय एवं अधिग्रहण के सौदों बढ़े और इनका कुल आकार 2017 के 23 अरब डॉलर से बढ़कर 2018 में 33 अरब डॉलर हो गया। । इसमें ई – कॉमर्स क्षेत्र (16 अरब डॉलर) और दूरसंचार क्षेत्र (13 अरब डॉलर) में सौदों की अहम भूमिका रही।