इस्लामाबाद : मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद के मंसूबों पर उस वक्त पानी फिर गया है जिस वक्त पाकिस्तान चुनाव आयोग ने सईद की राजनीतिक पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग को मान्यता देने से इंकार कर दिया।
आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने सईद की पार्टी को मान्यता देने से इसलिए इंकार किया है क्योंकि पार्टी के पोस्टरों में खुलकर हाफिज सईद की तस्वीर का इस्तेमाल हो रहा था। आयोग ने सईद की तस्वीरों पर भी रोक लगा दी है। हाफिज सईद ने पिछले हफ्ते ही राजनीतिक पार्टी बनाई थी। आतंकी हाफिज सईद पाकिस्तान में 6 महीने से नजरबंद मालूम हो पिछले 6 महीने से आतंकी हाफिज सईद पाकिस्तान में 6 महीने से नजरबंद है। क्योंकि अमेरिका ने पाकिस्तान पर दवाब बनाया था कि अगर वो जमात-उद-दावा चीफ के खिलाफ एक्शन नहीं लेगा तो वो पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगा देगा।
क्यों सियासत पर है नजर?
गौरतलब है कि इस वक्त पाकिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल जारी है। पनामा केस में नवाज शरीफ को पीएम की कुर्सी गंवानी पड़ गई है। ऐसे में हाफिज सईद जानता है कि उसके लिए ये सबसे बेहतर मौका है राजनीति में कदम में रखने के लिए। क्योंकि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई में हाफिज सईद की अच्छी पैठ है। हालांकि, चुनाव आयोग ने हाफिज के इस प्लान को फिलहाल फेल कर दिया है।
गौरतलब है कि मुंबई के 26/11 आतंकवादी हमले का हाफिज सईद मास्टरमाइंड है और भारत इसके खिलाफ लगातार कार्रवाई की मांग कर रहा है लेकिन पाकिस्तान की ओर से उसके खिलाफ अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।