अंतरिक्ष के क्षेत्र में आज पूरी दुनिया एक ऐतिहासिक मौके का गवाह बनेगी। यह इतिहास रूस रचने जा रहा है जो आज अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर एक फिल्म की शूटिंग के लिए पहले फिल्म चालक दल को रवाना करेगा। फिल्म का नाम ‘The Challenge’ है और नाम के मुताबिक इसकी शूटिंग भी टीम के लिए एक चैलेंज है। इसी के साथ रूस अंतरिक्ष में फिल्म की शूटिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा।अंतरिक्ष में पहली बार एक कुत्ता भेजने से लेकर पहले पुरुष और पहली महिला तक, रूस (तब सोवियत संघ) ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में लंबे समय तक अमेरिका पर बड़ी बढ़त बनाए रखी। अब रूस का वही सुनहरा दौर फिर से वापस आता दिख रहा है। दरअसल, रूस पहली बार एक फिल्म की शूटिंग के लिए क्रू को अंतरिक्ष में भेजने वाला है। फिल्म के क्रू को आज शाम को ही स्पेसशिप के जरिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
बताया गया है कि रूस अपने सोयूज रॉकेट के जरिए भारतीय समयानुसार दोपहर 2.30 बजे मिशन को लॉन्च कर दिया हैं । इसे कजाखस्तान के कॉस्मोड्रोम से भेजा जाएगा। इस मिशन में फिल्म की अभिनेत्री, निर्देशक और दोनों के लिए एक प्रोफेशनल एस्ट्रोनॉट गाइड को भेजा जाएगा। यह लोग फिल्म के लिए अंतरिक्ष में सीन्स की शूटिंग करेंगे। रूस की यह फिल्म अंतरिक्ष में शूट की गई पहली फीचर पिल्म होगी। एमएस-19 स्पेसक्राफ्ट लॉन्चिंग के तीन घंटे बाद भारतीय समयानुसार शाम 5.40 बजे इन तीन क्रू सदस्यों को लेकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर उतरेगा।
अंतरिक्ष में शूटिंग के लिए जाने वाली फ्लाइट में कौन-कौन?
अंतरिक्ष में पहली बार किसी फिल्म की शूटिंग के लिए जाने वाले क्रू में रूस की अभिनेत्री यूलिया पेरेसिल्ड और निर्देशक क्लिम शिपेंको साथ होंगे। उनके साथ एक अनुभवी अंतरिक्षयात्री एंटोन श्काप्लेरोव भी मिशन में उनके गाइड के तौर पर काम करेंगे। एंटोन 2011 के बाद से अब तक तीन बार आईएसएस का दौर कर चुके हैं। उधर यूलिया पेरेसिल्ड कई महीनों से मिशन के लिए ट्रेनिंग कर रही थीं। उन्होंने इसी साल कई दर्जन अभिनेत्रियों के साथ फिल्म के लिए ऑडिशन दिया था।
फिल्म की शूटिंग के लिए अंतरिक्ष में क्यों भेजा जा रहा क्रू?
वैसे तो अंतरिक्ष के सीन्स के लिए धरती पर ही वीएफएक्स के जरिए शूटिंग की व्यवस्था हो चुकी है, लेकिन रूसी सिनेमा एक फिल्म के जरिए असल अंतरिक्ष के दृश्य लोगों तक पहुंचाकर उन्हें अलग अनुभव से रूबरू कराना चाहता है। इसके लिए प्रोडक्शन कंपनियों ने रूसी स्पेस एजेंसी रोसकॉस्मॉस के साथ जॉइंट प्रोजेक्ट में हिस्सा लिया।
रोसकॉस्मॉस और चैनल वन को उम्मीद है कि इस फिल्म में अंतरिक्ष का रोमांच देखकर लोग यह महसूस कर सकेंगे कि अंतरिक्ष सिर्फ सरकारी अंतरिक्षयात्रियों के लिए ही रिजर्व नहीं है, बल्कि जल्द ही ऐसे स्पेसक्राफ्ट आम लोगों के लिए भी मुहैया होंगे।
अंतरिक्ष की रेस में अमेरिका के मुकाबले लौटेगा रूस?
रूस ने तकनीक और विज्ञान के क्षेत्र में कई देशों के मुकाबले में बड़ी बढ़त बनाई है। चाहे आधुनिक हथियारों का निर्माण हो (एके-47, मिसाइल डिफेंस सिस्टम) या चिकित्सा क्षेत्र (कोरोना वैक्सीन) का। दोनों ही मामलों में रूस ने अमेरिका से लेकर चीन तक को पीछे छोड़ दिया। एक और क्षेत्र जहां रूस (तब सोवियत संघ) ने अमेरिका के मुकाबले बड़ी बढ़त बनाई थी, वह था अंतरिक्ष। लेकिन अमेरिका के 1969 में अपोलो मिशन के जरिए पहली बार इंसान को चांद पर भेजकर अंतरिक्ष की रेस में रूस को काफी पीछे छोड़ दिया था।