पाकिस्तान के लाहौर में एक बार फिर महाराजा रणजीत की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया गया है। पाकिस्तानी कट्टरपंथी ग्रुप तहरीक-ए-लब्बैक ने 19वीं सदी के सिख शासक महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को तीसरी बार तोड़ दिया है। जानकारी के अनुसार, हमलावर ने पहले महाराज रणजीत सिंह के खिलाफ नारे लगाए और मूर्ति को तोड़कर जमीन पर फेंक दिया।
पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने ट्विटर पर टिप्पणी कर कहा, “शर्मनाक निरक्षरों का यह झुंड दुनिया में पाकिस्तान की छवि के लिए वास्तव में खतरनाक है।’ एक कट्टरपंथी पार्टी के सदस्य, तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) ने लाहौर किले में रंजीत सिंह की प्रतिमा को गिरा दिया। प्रतिमा को पहले टीएलपी कार्यकर्ताओं ने कम से कम दो अलग-अलग मौकों पर तोड़ दिया था।
#Shameful this bunch of illiterates are really dangerous for Pakistan image in the world https://t.co/TXoAXCQtWW
— Ch Fawad Hussain (@fawadchaudhry) August 17, 2021
ट्विटर पर साझा किए गए एक वीडियो में, व्यक्ति को अपने हाथों से मूर्ति पर प्रहार करते और उसके हाथों और अन्य हिस्सों को नुकसान पहुंचाते हुए देखा जा सकता है। जून 2019 में लाहौर में ‘माई जिंदा’ हवेली में अनावरण की गई प्रतिमा को पहले अगस्त 2019 में कट्टरपंथी इस्लामवादियों द्वारा और फिर पिछले साल दिसंबर में तोड़ दिया गया था।
एक किशोर आगंतुक ने दिसंबर 2020 में महाराजा की मूर्ति का हाथ तोड़ दिया था। उसे पकड़ने के बाद, उसने पुलिस को बताया कि किले में एक सिख शासक की मूर्ति को देखकर उसकी ‘धार्मिक भावनाएं’ आहत हुई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रतिमा में हालिया तोड़फोड़ रिजवान नाम के शख्स ने लाहौर के किले में की।
मूर्ति के चारों ओर रेलिंग तोड़ते समय वह विदेशी भाषा में कुछ बोल रहा था। सोशल मीडिया पोस्ट में उन्हें मूर्ति के कुछ हिस्सों को खींचते हुए देखा जा सकता है। मूर्ति तोड़ने के आरोप में रिजवान को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया गया है।