पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) असद दुर्रानी द्वारा किए गए खुलासों पर कोर्ट आफ इंक्वायरी (जांच) के आदेश दिये गये। साथ ही उनके देश से बाहर जाने पर रोक लगा दी गई है। दुर्रानी ने अगस्त 1990 से मार्च 1992 के बीच आईएसआई की अगुवाई की थी।
दुर्रानी और भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख ए एस दुलत द्वारा संयुक्त रूप से लिखी गई पुस्तक ”द स्पाई क्रानिकल्स” रॉ, आईएसआई एंड इल्यूजन आफ पीस” को हाल में भारत में जारी किया गया था। पाकिस्तानी सेना के मीडिया प्रभाग-इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार दुर्रानी को आज उनकी पुस्तक को लेकर उनका रूख जानने के बारे में सामान्य मुख्यालय (जीएचक्यू) तलब किया गया था।
बयान में कहा गया, ”सेवारत लेफ्टिनेंट जनरल की अगुवाई में एक औपचारिक कोर्ट आफ इंक्वायरी का आदेश दिया गया है ताकि मामले की विस्तार से जांच हो सके।” इसमें यह भी कहा गया, ”सक्षम प्राधिकार से सम्पर्क किया गया ताकि लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) दुर्रानी का नाम बाहर जाने पर रोक वाली सूची (ईसीएल) में डाला जा सके।”
इस सूची में किसी व्यक्ति का नाम आ जाने पर वह पाकिस्तान छोड़कर बाहर नहीं जा सकता। दुर्रानी ने अपनी इस किताब को लेकर उनके ‘अपने ही लोगों’ पर निराशा जताई है। यह पुस्तक विवाद में आने के साथ ही सेना के सेवानिवृत्त कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने विभिन्न टीवी कार्यक्रमों में दुर्रानी पर हमला किया है।
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