पाकिस्तान की एक विशेष कोर्ट ने देश के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को मंगलवार को देशद्रोह के एक मामले में मृत्युदंड की सजा सुनाई। पेशावर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता में विशेष कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने 76 वर्षीय मुशर्रफ को लंबे समय से चल रहे देशद्रोह के मामले में मौत की सजा सुनाई।
डॉन न्यूज के अनुसार, मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का यह मामला दिसंबर 2013 से लंबित था। उनके खिलाफ यह मामला 3 नवंबर, 2007 को आपातकाल लागू करने के लिए चल रहा था। इससे पहले पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने लाहौर हाईकोर्ट (एलएचसी) में एक याचिका दायर कर इस्लामाबाद की एक विशेष कोर्ट के समक्ष मुकदमे की लंबित कार्यवाही पर रोक लगाने का आग्रह किया था।
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मुशर्रफ मार्च 2016 से दुबई में रह रहे हैं। उन पर संविधान को भंग करने और 2007 में आपात शासन लगाने के मामले में राजद्रोह के आरोप लगे। 76 वर्षीय मुशर्रफ उपचार के लिए दुबई गए थे लेकिन तब से सुरक्षा और स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर लौटे नहीं। मुशर्रफ के वकीलों ने शनिवार को याचिका दायर की जिसमें लाहौर हाई कोर्ट से कहा गया है कि विशेष अदालत में सुनवाई पर तब तक रोक लगाई जाए जब तक कि हाई कोर्ट पहले से लंबित याचिका पर फैसला न दे दे।
मुशर्रफ की याचिका पर कोर्ट ने संघीय सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने इस याचिका पर भी मुख्य याचिका के साथ ही सुनवाई का फैसला किया है। मुख्य याचिका पर सुनवाई मंगलवार को लाहौर हाई कोर्ट करेगा।