अफगानिस्तान को तालिबान के पंजे में छोड़कर भागे पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने वीडियो संदेश जारी किया है। जिसमें उन्होंने पैसे लेकर देश से भागने के आरोपों को खारिज किया है। अफगानिस्तान से भागने के बाद गनी ने अपने परिवार के साथ संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में शरण ली है।
गनी ने फेसबुक पोस्ट के जरिए वीडियो संदेश में कहा कि ‘मेरा देश से भागने और अपने वतन को यूं छोड़ देने का इरादा नहीं था। मैं खून-खराबा रोकने के लिए संयुक्त अरब अमीरात में हूं। मैं अभी भी अफगानिस्तान वापस लौटने के रास्ते तलाश रहा हूं। मैं न्याय, अफगानी संप्रभुता और सही मायने में इस्लामिक मूल्यों को बहाल करने की लड़ाई लड़ता रहूंगा।’
उन्होंने कहा, “मैं अब्दुल्ला अब्दुल्ला और पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई के साथ चल रही बातचीत की सरकार की पहल का समर्थन करता हूं। मैं इस प्रक्रिया की सफलता चाहता हूं,” रविवार को अफगानिस्तान छोड़ने के बाद फिलहाल वो संयुक्त अरब अमीरात में परिवार के साथ शरण लिए हुए हैं और तब के बाद से ये उनकी पहली उपस्थिति है।
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पैसे लेकर देश छोड़कर भागने के आरोपों का खंडन करते हुए गनी ने कहा कि “मैं पैसे लेकर नहीं आया हूँ, मेरे पास जूते बदलने का भी समय नहीं था।” तालिबानियों के काबुल के करीब आते ही गनी देश छोड़ कर भाग गए थे, जिसके बाद अफगानिस्तान में दो दशक बाद तालिबान का शासन लौट आया है।
तालिबानियों ने अफगानिस्तान पर आधिपत्य स्थापित करते ही अपना पूरा रूप दिखाना शुरू कर दिया है। तालिबान राज लौटने के बाद अफगानिस्तान के लोग राष्ट्पति द्वारा देश छोड़ने पर बहुत आक्रोशित है। इतना ही नहीं अमेरिका तक ने भी कह दिया है कि अफगानिस्तान के मौजूदा हालात के लिए ऐसे नेता जिम्मेदार हैं, जो मुश्किल वक्त में भाग निकले।