कोरोना संकट के बीच फ्रांस ने भारत के साथ खड़े होने की बात कही है। फ्रांस ने कहा है कि वह इस संकट के दौर में भारत को किसी भी तरह की मदद करने के लिए तत्पर है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा की मैं भारत के लोगों के साथ खड़े होने का संदेश देना चाहता हूं। कोरोना की इस नई लहर के चलते बड़ा संकट खड़ा हो गया है। इस संघर्ष में फ्रांस आपके साथ है। हम आपको किसी भी तरह की मदद देने के लिए तैयार हैं। भारत को राफेल फाइटर जेट बेचने वाले फ्रांस ने आतंकवाद समेत कई मामलों में पहले भी भारत के साथ होने की बात कही है।
भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन ने राष्ट्रपति का संदेश ट्वीट करते हुए कहा, ‘कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहे भारत के लोगों को मैं एकजुटता का संदेश देना चाहता हूं। संघर्ष की इस घड़ी में फ्रांस आपके साथ खड़ा है। इस महामारी ने किसी को नहीं छोड़ा है। हम आपकी मदद करने के लिए तैयार हैं।’
भारत में पुलवामा आतंकी हमले और फ्रांस में शार्ली हेब्दो मैगजीन के दफ्तर पर हुए अटैक के दौरान भी दोनों देशों ने एक-दूसरे के प्रति अपना समर्थन जताया था। फ्रांस के राष्ट्रपति कई बार कह चुके हैं कि आतंकवाद से लड़ाई के मामले में भारत और फ्रांस एक जैसी स्थिति में ही हैं। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन की ओर से भारत के खिलाफ प्रस्ताव लाए जाने का भी फ्रांस ने विरोध किया था। हालांकि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के साथ फ्रांस के रिश्ते अपने निचले स्तर पर हैं। हाल ही में फ्रांस ने पैगंबर के कार्टून को लेकर पाकिस्तान में फैली हिंसा के बाद अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया था।
वहीं, अमेरिका के कई सांसदों ने भारत में कोविड-19 के मामलों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी पर चिंता प्रकट की है। सांसदों ने बाइडन प्रशासन से भारत को सभी जरूरी मदद मुहैया कराने का अनुरोध किया है। डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद एडवर्ड मार्के ने एक ट्वीट में कहा, ‘हमारे पास जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए सारे संसाधन हैं और यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है।’ उन्होंने कहा कि भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के दुनिया में सबसे ज्यादा मामले आए हैं। मार्के ने कहा, ‘पृथ्वी दिवस, धरती और हर किसी की बेहतरी के लिए है। अमेरिका के पास ज्यादा टीके हैं लेकिन हम भारत जैसे देशों को इसे मुहैया कराने से इनकार कर रहे हैं।’