जर्मनी के हैम्बर्ग में हयात बलूच की हत्या के खिलाफ शनिवार को फ्री बलूचिस्तान मूवमेंट ने एक प्रदर्शन का आयोजन किया। इस प्रदर्शन में कई लोगों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शन में लोग हयात बलूच के लिए इंसाफ की गुहार लगाते हुए और हाथों में जस्टिस फोर हयात बलूच और जस्टिस फोर बलूच के बैनर लिए हुए दिखाई दिए।
दरअसल, कराची यूनिवर्सिटी का छात्र हयात बलूच अपने घर के बगीचे से दहश्तगर्दी के संदेह में सड़क पर घसीट लिया गया और एफसी (Frontier Corps) ने उसके हाथ-पांव बांधकर उसके मां-बाप की आंखों के सामने हयात बलोच के शरीर में लगभग आठ गोलियां उतार दीं।
बलूचिस्तान की आजादी के समर्थक नेता डॉ. अल्लाह निजार बलूच ने दावा किया था कि पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान में पिछले कुछ सालों में हजारों छात्रों की हत्या की है। कई छात्रों को गुप्त यातनागृहों में रखा गया है। डॉ. निजार ने कहा कि पाकिस्तान हमारी पहचान, संस्कृति और भाषा को पूरी तरह खत्म करना चाहता है।
बलूचिस्तान में लाहौर और कराची में प्रकाशित पुस्तकों को लाना प्रतिबंधित है। सेना ने केच जिले और अन्य स्थानों की दुकानों से बलोच भाषा की किताबें जब्त कर ली हैं। यह साफ संकेत है कि पाकिस्तान बलोच लोगों को शिक्षा से दूर रखने की साजिश रच रहा है।