पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय जवानों की शहादत पर फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने शोक जताया है। इसके साथ ही उन्होंने द्विपक्षीय सामरिक सहयोग मजबूत करने के लिए भारत की यात्रा करने का प्रस्ताव दिया है।
फ्लोरेंस पार्ली ने भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को इस संबंध में सोमवार को एक पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने जवानों के शहीद होने का जिक्र करते हुए इन ‘‘मुश्किल हालात’’ में फ्रांस के सशस्त्र बलों के साथ-साथ अपना ‘‘अडिग एवं मित्रवत’’ समर्थन व्यक्त किया।
सूत्रों ने फ्रांसीसी विदेश मंत्री के हवाले से कहा, ‘‘यह जवानों, उनके परिवारों और देश के लिए बड़ा झटका है। मैं इन मुश्किल हालात में फ्रांसीसी सशस्त्र बलों के साथ-साथ अपना अडिग एवं मित्रवत समर्थन व्यक्त करती हूं।’’ उन्होंने बताया कि पार्ली ने शोकसंतप्त परिवारों और भारतीय सशस्त्र बलों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
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सूत्रों ने बताया कि पार्ली ने भारत को क्षेत्र में फ्रांस का सामरिक साझीदार बताया। उन्होंने भारत के साथ फ्रांस की गहरी एकजुटता की बात दोहराई और रक्षा संबधों को और मजबूत करने की खातिर द्विपक्षीय वार्ताओं को आगे बढ़ाने के लिए भारत आने की इच्छा जताई।
पूर्वी लद्दाख में कई जगहों पर पिछले सात सप्ताह से भारत और चीन की सेनाएं गतिरोध की स्थिति में हैं। गलवान घाटी में 15 जून को हुए संघर्ष में 20 भारतीय सैन्यकर्मियों के शहीद हो जाने के बाद तनाव और बढ़ गया है। चीनी पक्ष के जवान भी हताहत हुए हैं, लेकिन उसने इस बारे में जानकारी नहीं दी है।
भारत और फ्रांस के बीच रक्षा एवं रणनीतिक संबंध पिछले कुछ वर्षों में मजबूत हुए हैं। भारत को फ्रांस से छह राफेल युद्धक विमानों की पहली खेप 27 जुलाई तक मिलने की उम्मीद है। इन विमानों से भारतीय वायुसेना की लड़ाकू क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ लगभग 58,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यह विमान कई शक्तिशाली हथियारों को ले जाने में सक्षम है।