ब्यूनस आयर्स : जी20 देशों की दो दिवसीय शिखर वार्ता की शुक्रवार को शुरुआत हुई और इसपर रूस के साथ अमेरिका के तनाव और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार और जलवायु को लेकर आक्रामक रूख का प्रभाव साफ नजर आ रहा है।
यूक्रेन विवाद, चीन के साथ व्यापार विवाद और सऊदी अरब के साथ रिश्तों समेत दुनिया के तमाम दूसरे मुद्दों को लेकर भारी तनाव के बीच दुनिया भर के नेताओं के साथ ट्रंप और उनके रूसी समकक्ष व्लादीमीर पुतिन भी इस सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं।
रूस द्वारा यूक्रेन के जहाजों और नाविकों को बंधक बनाए जाने की हाल की घटना का हवाला देकर ट्रंप द्वारा पूर्वनियोजित बैठक अचानक रद्द किये जाने के बाद दोनों एक साथ नहीं बैठेंगे। संकटग्रस्त अर्जेंटीना में विश्व नेताओं की लंबी चौड़ी बातों के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने विशाल रैलियां निकालने की बात कही है। अर्जेंटीना में हाल में प्रतिद्वंद्वी फुटबॉल समर्थकों के बीच की हिंसा से अशांति नियंत्रित करने की पुलिस की क्षमता पर सवाल खड़ा हो गया है।
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यूक्रेनी जहाज को लेकर पुतिन के साथ अपनी तय बैठक को रद्द करने के बाद ट्रंप गुरुवार को ब्यूनस आयर्स पहुंचे। ट्रंप ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘जितनी जल्द से जल्द हो सके यह स्थिति सुलझे, मैं एक बार फिर सार्थक सम्मेलन की उम्मीद कर रहा हूं।’’ उनका फैसला ऐसे वक्त आया जब ट्रंप के चुनाव अभियान में रूसी भूमिका की जांच में तेजी आई है।
जांचकर्ता रॉबर्ट मूलर ने खुलासा किया कि ट्रंप के पूर्व प्रमुख सहयोगी माइकल कोहेन ने पुतिन के दफ्तर के साथ प्रत्यक्ष संचार की बात स्वीकार की थी।
रूस ने कहा कि ट्रंप के बैठक को रद्द करने के फैसले का उसे ‘‘अफसोस’’ है।
ट्रंप का लक्ष्य इस सम्मेलन की शुरुआत उत्तरी अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता एनएएफटीए के बाद आने वाले अमेरिका-मैक्सिको-कनाडा समझौते (यूएसएमसीए) पर वार्ताकारों के हस्ताक्षर के माध्यम से ‘‘अमेरिका प्रथम’’ के अपने व्यापार एजेंडे की जीत के साथ करने का है।