पाकिस्तान ने जिस सांप को अपने पड़ोस में भारत के खिलाफ पाला था, अब वही उसे डस रहा है। जी हां, अफगानिस्तान में पाकिस्तान की मदद से अशरफ गनी सरकार को हटाकर सत्ता में आए तालिबान आतंकियों ने अब अपने आका के आगे झुकने से इंकार कर दिया है। पाकिस्तानी सेना बार-बार तालिबान से गुहार लगा रही है कि वह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान यानि टीटीपी आतंकियों के खिलाफ ऐक्शन ले। ये टीटीपी आतंकी पाकिस्तानी सेना के खिलाफ अक्सर हमले करते रहते हैं। तालिबान को झुकाने के लिए पाकिस्तान ने लाखों की तादाद में देश में मौजूद अफगान शरणार्थियों को देश से बाहर जाने के लिए कह दिया। इससे भी तालिबानी नहीं झुके तो अब पाकिस्तानी सेना हमला करने के विकल्प विचार करने की धमकी दे रही है।
TTP के ठिकानों की सूची साझा
यही नहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने तालिबान सरकार के साथ अफगानिस्तान में मौजूद टीटीपी के ठिकानों की सूची साझा की है। पाकिस्तान ने कहा है कि हम अपेक्षा करते हैं कि तालिबान सरकार इनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। वहीं तालिबान ने साफ कर दिया है कि टीटीपी की समस्या उनके सत्ता में आने से पहले है और यह पाकिस्तान का आतंरिक मामला है। तालिबान ने यह भी कहा कि टीटीपी के आतंकी अफगानिस्तान नहीं बल्कि पाकिस्तान के अंदर मौजूद हैं। वहीं अफगानिस्तान के साथ तनाव के बावजूद पाकिस्तान की सरकार को भरोसा है कि वह टीटीपी के मुद्दे को तालिबान के साथ सुलझा सकता है।
पाकिस्तान- तालिबान को हमारी क्षमता पता
पाकिस्तानी अधिकारियों का मानना है कि इस मामले से निपटने वाले अधिकारी भी ऐसा ही मानते हैं। उन्होंने कहा, 'यह आकस्मिक योजना का सवाल नहीं है। यह क्षमता का सवाल है और हमारे पास समस्या से निपटने की क्षमता है।' एक वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी ने बुधवार को द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार को नाम न छापने की शर्त पर बताया। वे पाकिस्तान के उन संभावित विकल्पों पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें कहा गया था कि अगर तालिबान टीटीपी आतंकियों संगठन को शरण देना जारी रखता है तो पाकिस्तान क्या करेगा।