Geneva Meet: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जिनेवा में विभिन्न देशों के स्पीकरों से की मुलाकात

अध्यक्ष ओम बिरला ने जिनेवा में 149वीं अंतर संसदीय संघ (आईपीयू) की बैठक में भारतीय संसदीय शिष्टमंडल का नेतृत्व किया। उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
Geneva Meet: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जिनेवा में विभिन्न देशों के स्पीकरों से की मुलाकात
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Geneva Meet: लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जिनेवा में आईपीयू की 149वीं असेम्बली में शामिल हुए। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि शांति और अहिंसा के प्रतीक महात्मा गांधी से आज भी विश्व के नेताओं और राष्ट्रों को प्रेरणा मिलती है। गांधीजी की शिक्षाएं देश-काल की सीमाओं से परे हमें याद दिलाती हैं कि जलवायु परिवर्तन, महिला-पुरुष समानता या संघर्ष जैसी वैश्विक चुनौतियों का समाधान एकजुटता, संवेदनशीलता और सहयोग से ही किया जा सकता है।

ओम बिरला ने की विभिन्न देशों की संसदों के स्पीकरों के साथ मुलाकात

आईपीयू की बैठक से इतर ओम बिरला ने जिनेवा में विभिन्न देशों की संसदों के स्पीकरों के साथ भी मुलाकात की। स्विट्जरलैंड की नेशनल काउंसिल के प्रेसिडेंट एरिक नसबामर के साथ बातचीत में उन्होंने पिछले साल दोनों देशों के बीच मैत्री संधि के 75 साल पूरे होने का जिक्र किया। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को और सुदृढ़ करने तथा बहुपक्षीय मंच पर सहयोग बढ़ाए जाने पर जोर दिया। दोनों देशों के बीच संसदीय सहयोग को और मजबूत करने का आग्रह करते हुए बिरला ने कहा कि यह दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों का एक महत्वपूर्ण आयाम है। भारत में बढ़ते स्विस निवेश पर संतोष व्यक्त करते हुए, लोकसभा अध्यक्ष ने आशा व्यक्त की कि हाल के वर्षों में भारत में व्यापार करने में आसानी और बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे के विकास को देखते हुए निवेश में और वृद्धि होगी। उन्होंने भारत और स्विट्जरलैंड की घनिष्ठता को बढ़ाने में स्विस-भारत संसदीय मैत्री समूह की सराहना की।

थाईलैंड की सीनेट के प्रेसिडेंट मोंगकोल सुरसाज्जा से मुलाकात

थाईलैंड की सीनेट के प्रेसिडेंट मोंगकोल सुरसाज्जा से मुलाकात के दौरान बिरला ने दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश, संपर्क, संस्कृति और पर्यटन, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, तथा लोगों के बीच आदान-प्रदान सहित कई क्षेत्रों में बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों पर विचार साझा किए। लोकसभा अध्यक्ष ने भारत और थाईलैंड के बीच सांस्कृतिक, भाषाई और धार्मिक संबंधों की बात भी की। दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने में बौद्ध धर्म के महत्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि थाईलैंड से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री आध्यात्मिक यात्रा के लिए भारत आते हैं। संसदीय संबंधों को सुदृढ़ किए जाने की आवश्यकता के बारे में उन्होंने थाई संसद के सदस्यों और अधिकारियों को प्राइड द्वारा आयोजित प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।

भारत और आर्मीनिया के बीच संबंध

आर्मीनिया की नेशनल असेंबली के प्रेसिडेंट, एलन सिमोनियन से बातचीत के दौरान बिरला ने भारत और आर्मीनिया के बीच साझा मूल्यों और दोनों देशों के लोगों के बीच गहरी मित्रता की भावना पर आधारित सौहार्द्रपूर्ण संबंधों के बारे में बात की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की आबादी युवा है और राजनीतिक स्थिरता होने के कारण यहां अपार अवसर हैं। इसलिए दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश की साझेदारी बढ़ाने की संभावनाएं है।

लोकतंत्र के लिए एक सशक्त संसदीय प्रणाली का होना आवश्यक

ओम बिरला ने कहा कि दोनों देश व्यापार और निवेश के क्षेत्रों में साझेदारी को बढ़ावा देकर भारत के बदलते आर्थिक परिदृश्य से लाभान्वित हो सकते हैं। दोनों देशों के साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि एक सशक्त लोकतंत्र के लिए एक सशक्त संसदीय प्रणाली का होना आवश्यक है। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि यह विश्व के इतिहास की सबसे बड़ी चुनावी प्रक्रिया थी। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी के कारण भारतीय चुनाव एक उत्सव के समान हैं।

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